महाराष्ट्र के सीएम देवेन्द्र फडणवीस ने मुंबई को चमकाने में उत्तर भारतीयों के योगदान की तारीफ की है। फडणवीस ने कहा कि देश की वित्तीय राजधानी ने हमेशा कई लोगों को रहने की जगह दी है और जो लोग यहां रहते हैं उन्होंने शहर की प्रतिष्ठा को बढ़ाने में योगदान दिया है। हालांकि सीएम फडणवीस के इस बयान को राज ठाकरे के नेतृत्व वाली महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (मनसे) ने कड़ी आलोचना की है। बुधवार को घाटकोपर इलाके में आयोजित सार्वजनिक कार्यक्रम में फडणवीस ने कहा, ‘‘मेरा मानना है कि मुंबई को जो चीजें महान बनाती हैं उनमें विभिन्न राज्यों से यहां आकर बसने वाले वो लोग भी शामिल हैं। उन्होंने भी मुंबई को महान बनाया है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘आज जब हम मुंबई और महाराष्ट्र की बात करते हैं तो हम तुरंत उत्तर भारतीय समुदाय की ओर देखते हैं। इस शहर ने हमेशा कई लोगों को रहने की जगह दी है और जिन्होंने यहां आश्रय पाया उन्होंने हमेशा शहर की प्रतिष्ठा में इजाफा ही किया है।’’

भाजपा नेता ने कहा, ‘‘आज हम यह कह सकते हैं कि मुंबई में बसे उत्तर भारतीय समुदाय ने हमेशा शहर की प्रतिष्ठा को बढ़ाने की दिशा में काम किया है।’’ मुख्यमंत्री की टिप्पणी की आलोचना करते हुए मनसे नेता नितिन सरदेसाई ने कहा कि फडणवीस ने जो कहा है उसका सीधा सा अर्थ है। ‘‘उनके लिये इन उत्तर भारतीयों का वोट महत्वपूर्ण है। वह असली मुंबईकर, किसानों और महाराष्ट्र के लोगों के बारे में चिंतित नहीं हैं।’’ सरदेसाई ने दावा किया कि ऐसी टिप्पणियां उत्तर भारतीयों के वोट को ध्यान में रखकर की जा रही हैं।

मनसे प्रवक्ता ने कहा कि मुंबई और महाराष्ट्र हमेशा से महान रहा है। अन्य राज्यों से लोगों के यहां आकर इसे और अधिक महान बनाने की कोई आवश्यकता नहीं थी। मनसे नेता ने कहा, ‘‘वे (उत्तर भारतीय) अपनी आजीविका चलाने के लिये मुंबई आये क्योंकि उनके राज्यों में कोई विकास नहीं था। फिर कैसे वे मुंबई को महान बना रहे हैं।’’ बता दें कि मुंबई में महाराष्ट्र नव निर्माण सेना की क्षेत्रवाद की राजनीति का शिकार अक्सर उत्तर भारत के लोग होते रहते हैं। महाराष्ट्र नव निर्माण सेना के कार्यकर्ता कई बार मुंबई में नौकरी कर रहे उत्तर भारतीय मजदूरों पर हमला कर चुके हैं।