इंडियन नेवी ने हरियाणा के क्रिकेटर दीपक पुनिया के खिलाफ अरेस्ट वारंट जारी किया है। दीपक पुनिया नेवी में ऑफिसर हैं और उनपर नेवी से बिना नो ऑब्जेक्शन सर्टिफिकेट (NOC) लिये हरियाणा रणजी टीम के लिए खेलने का आरोप है। 24 अक्टूबर को जारी किये गये इस वारंट में INS अंगरे के कमांडिंग ऑफिसर कमोडोर एमएमएस शेरगिल ने हरियाणा और मुंबई पुलिस को पुनिया की गिरफ्तारी के लिए अधिकृत किया है। कमोडोर एमएमएस शेरगिल ने मुंबई स्थित नवल प्रोवोस्ट मार्शल, कमोडोर ब्यूरो ऑफ सेलर्स को भी पुनिया की गिरफ्तारी के लिए अधिकृत किया है। वारंट में कहा गया है कि, ‘दीपक पुनिया का ऐसा कृत्य नेवी एक्ट 1957 के तहत अपराध है और आपको उस दीपक पुनिया AG PO (US), 237169-Y को इंडियन नेवी के किसी शिप पर पूछताछ के लिए और आगे कानून के मुताबिक कार्रवाई करने हेतु लाने के लिए कहा जाता है।’ 24 साल के दीपक पुनिया ने 2014 में नेवी में नौकरी शुरू की थी। इससे पहले वह दो सीजन में सौराष्ट्र और इस सीजन में हरियाणा के लिए खेल चुके हैं। दीपक पुनिया आईपीएल में मुंबई इंडियंस के लिए भी खेल चुके हैं।
दीपक पुनिया को ये अरेस्ट वारंट तब मिला जब वे पिछले महीने रणजी ट्राफी हरियाणा टीम के लिए दो मैच खेल चुके थे। द सर्विस स्पोर्ट्स कंट्रोल बोर्ड सेक्रेटरी सत्यव्रत श्योरन ने बीसीसीआई को एक पत्र भेजकर कहा कि दीपक पुनिया की एनओसी को खत्म किया जाए और उन्हें वापस नेवी में भेजा जाए। इस संस्था के मुताबिक कुछ खिलाड़ियों ने 2016-17 के लिए NOC ली थी लेकिन वे उसी दस्तावेज की बदौलत अब भी खेल रहे हैं। लेकिन बीसीसीआई का कहना है कि चूंकि पुनिया ने सौराष्ट्र टीम के लिए NOC ली थी, इसलिए वे उसी दस्तावेज के आधार पर पुनिया के खेलने दे सकते हैं। बीसीसीआई ने कहा है कि वे पुनिया के दस्तावेज से संतुष्ट हैं।
इधर इंडियन एक्सप्रेस बात करते हुए पुनिया ने कहा कि उन्होंने अपने सीनियर अधिकारियों को रणजी ट्राफी के इस सीजन में हरियाणा की ओर से खेलने की जानकारी दी थी। लेकिन अधिकारियों ने उन्हें कहा कि वे ड्यूटी पर रहते हुए एक दूसरे राज्य के लिए नहीं खेल सकते हैं, अगर उन्हें खेलना है तो पुनिया को छुट्टी लेनी चाहिए तब वे खेल पाएंगे। इसके बाद पुनिया ने 30 दिन की छुट्टी के लिए आवेदन दिया, और बाद में छुट्टी बढ़ाने की भी मांग की। लेकिन नेवी ने उनकी छुट्टी नहीं बढ़ाई, और ड्यूटी पर ना लौटने पर उनके खिलाफ अरेस्ट वारंट जारी कर दिया गया।इस मुद्दे पर सर्विस स्पोर्ट्स कंट्रोल बोर्ड सेक्रेटरी ने किसी भी तरह की प्रतिक्रिया देने से इनकार कर दिया है। इंडियन नेवी के जन संपर्क अधिकारी डीके शर्मा ने भी इस मामले पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी, ना ही उन्होंने इंडियन एक्सप्रेस द्वारा भेजे गये मैसेज का जवाब दिया।