प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने 100 करोड़ रुपए की रिश्वत के आरोपों के सिलसिले में महाराष्ट्र के पूर्व गृहमंत्री अनिल देशमुख के खिलाफ दर्ज मनी लॉन्ड्रिंग मामले में उनके 2 सहायकों को गिरफ्तार किया है। अधिकारियों ने बताया कि मनी लॉन्ड्रिंग रोकथाम कानून (पीएमएलए) के प्रावधानों के तहत करीब 9 घंटे की पूछताछ के बाद देशमुख के निजी सचिव संजीव पलांडे और निजी सहायक कुंदन शिंदे को गिरफ्तार किया गया है।
अधिकारियों ने आरोप लगाया कि केंद्रीय जांच एजेंसी के मुंबई में बलार्ड इस्टेट स्थित कार्यालय में हुई पूछताछ के दौरान दोनों व्यक्ति सहयोग नहीं कर रहे थे। बता दें कि जांच एजेंसी ने एक दिन पहले ही मुंबई में दोनों व्यक्तियों और अनिल देशमुख के आवास और नागपुर में नेता के एक अन्य आवास पर छापेमारी की थी। इसके बाद देशमुख के दोनों सहयोगियों को पूछताछ के लिए ईडी कार्यालय लाया गया था। अधिकारियों के मुताबिक, देशमुख के दोनों सहयोगियों को शनिवार को मुंबई में विशेष पीएमएलए अदालत में पेश किया जायेगा, जहां ईडी पूछताछ के लिए उनकी हिरासत का अनुरोध करेगी।
शरद पवार बोले- नेताओं के साथ पहले भी हो चुकी हैं ऐसी कोशिशें: देशमुख के घर पर केंद्रीय एजेंसी की छापेमारी के मुद्दे पर महाराष्ट्र में महाविकास अघाड़ी गठबंधन में शामिल राकांपा के अध्यक्ष शरद पवार ने भी बयान दिया। उन्होंने कहा कि इसमें हमारे लिए कुछ भी नया नहीं है। ऐसी कोशिशें दूसरों के खिलाफ भी की जा चुकी हैं। केंद्रीय एजेंसियों की उनके (देशमुख के) बेटे के व्यापार पर काफी समय से नजर है, पर उन्हें कुछ नहीं मिला। इसलिए वे अब दूसरी जगहों से उनके परिवार के लिए मुसीबत खड़ी कर रही हैं। हालांकि, उन्होंने इस मुद्दे पर चिंता न करने की बात कही।
देशमुख के घर छापेमारी के बाद क्या बोले अधिकारी?: अधिकारियों ने बताया कि तलाशी लेने वाले दल अतिरिक्त सबूत की तलाश कर रहे हैं, जो उनकी जांच में अहम हो सकते हैं। टीम ईडी के समक्ष करीब 10 बार संचालकों के दर्ज बयानों के आधार पर सबूत जुटाने का प्रयास कर रही है। इन बार संचालकों ने दावा किया था कि उन्होंने चार करोड़ रुपये की रिश्वत दी, जिसे पूर्व गृह मंत्री देशमुख को कथित तौर पर सौंपा गया। आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि पीएमएलए के तहत एजेंसी ने उनके बयान दर्ज किए हैं और अतिरिक्त साक्ष्य जुटाने का प्रयास चल रहा है। प्रवर्तन निदेशालय ने महाराष्ट्र के पूर्व गृहमंत्री अनिल देशमुख के खिलाफ पीएमएलए मामले में उन्हें भी शनिवार को एजेंसी के समक्ष पेश होने के लिए समन भेजा है।
पूर्व गृह मंत्री के खिलाफ क्यों चल रही जांच?: ईडी ने देशमुख और अन्य के खिलाफ तब दर्ज किया गया, जब केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) ने बॉम्बे हाईकोर्ट के आदेश के अनुपालन के तहत दर्ज एक मामले में पहली आरंभिक जांच शुरू की। अदालत ने मुंबई के पूर्व पुलिस आयुक्त परमबीर सिंह द्वारा देशमुख के खिलाफ लगाये गये रिश्वत के आरोपों के संबंध में जांच एजेंसी को जांच का निर्देश दिया।
देशमुख ने इन आरोपों के बाद अप्रैल में अपने पद से इस्तीफा दे दिया था। उन्होंने इन आरोपों को खारिज किया है। उद्योगपति मुकेश अंबानी के मुंबई स्थित घर के बाहर एक एसयूवी में विस्फोटक सामग्री मिलने के मामले में जांच के दौरान सहायक पुलिस निरीक्षक सचिन वाजे की भूमिका सामने आई थी। इसके बाद सिंह को उनके पद से हटा दिया गया था। वाजे को भी सेवा से बर्खास्त कर दिया गया।