महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने बड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा कि मैंने विद्रोह करके कुछ गलत नहीं किया है। समाचार चैनल इंडिया टुडे के एक कार्यक्रम के दौरान उन्होंने कहा, “जब हमारा कोई साथी संकट में होता है तो मैं उसके पीछे खड़ा रहता हूं। इसलिए विश्वास लोगों को मुझपर है और इसीलिए 50 लोग मेरे साथ आये हैं। उनको पता है कि एक बार एकनाथ शिंदे ने कमिटमेंट किया, फिर मैं कभी फिरता नहीं। कमिटमेंट करने के बाद मैं खुद की भी नहीं सुनता।”

सीएम एकनाथ शिंदे ने कहा कि 2019 के विधानसभा चुनावों के बाद जनादेश भाजपा-शिवसेना सरकार के लिए था, लेकिन पार्टी प्रमुख उद्धव ठाकरे ने जनादेश के खिलाफ जाकर सरकार बनाई। उन्होंने कहा, “उद्धव ठाकरे ने विचारधारा के खिलाफ जाकर एनसीपी और कांग्रेस के साथ गठबंधन किया और इससे पार्टी के विधायक भी नहीं खुश थे। वे अपनी समस्या हमसे कहते थे क्योंकि और कहीं सुनवाई नहीं होती थी।”

मैं सीएम नहीं बनना चाहता था: एकनाथ शिंदे

एकनाथ शिंदे ने बगावत को लेकर कहा, “मैं कभी मुख्यमंत्री नहीं बनना चाहता था। हमारे विधायक परेशान थे। इसलिए मैंने यह (शिवसेना नेतृत्व के खिलाफ विद्रोह) कदम उठाया और मुझे नहीं लगता कि मैंने कुछ गलत किया है। हम राज्य में उद्धव ठाकरे की नहीं बल्कि बालासाहेब ठाकरे की विचारधारा और विरासत को आगे बढ़ा रहे हैं।”

एकनाथ शिंदे ने बगावत को लेकर आगे कहा कि यह सब कैसे हुआ, क्यों हुआ, यह महाराष्ट्र में हर कोई जानता है। उन्होंने कहा कि यह सब कुछ हासिल करने या मुख्यमंत्री बनने के लिए नहीं था। उन्होंने कहा, “हमने शिवसेना-भाजपा के साथ चुनाव लड़ा और जनादेश भाजपा-शिवसेना सरकार के लिए था, लेकिन लोगों की इच्छा के खिलाफ 2020 में महा विकास अघाड़ी सरकार बनी थी। हमारे विधायकों ने इसका विरोध किया था।”

बीजेपी के साथ हमारी विचारधारा मिलती है: एकनाथ शिंदे

शिंदे ने कहा कि बीजेपी के साथ हमारी विचारधारा मिलती है और जो बालासाहेब चाहते थे, वह कार्य बीजेपी कर रही है, तो फिर हमें क्या दिक्कत? बड़े प्रोजेक्ट्स के महाराष्ट्र से जाने को लेकर शिंदे ने कहा कि जो प्रोजेक्ट्स गए हैं, उन्होंने महा विकास अघाड़ी सरकार के समय ही राज्य से हटने का फैसला कर लिया था। शिंदे ने कहा कि हम बड़े प्रोजेक्ट्स को महाराष्ट्र में लायेंगे और पीएम मोदी ने भी ऐसा हमें विश्वास दिलाया है।