महाराष्ट्र विधानसभा ने मंगलवार (12 अप्रैल) को सर्वसम्मति से डांस बार नियमन विधेयक को पारित कर दिया जिसमें उल्लंघन करने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई का प्रावधान है। विधेयक के पारित होने के साथ डांस बारों के फिर से खुलने का रास्ता साफ हो गया। विधान परिषद ने सोमवार (11 अप्रैल) को विधेयक को मंजूरी दी थी। गृह राज्यमंत्री राम शिंदे ने विधानसभा में विधेयक पेश किया और इसे बिना किसी चर्चा के सर्वसम्मति से पारित कर दिया गया।

नया विधेयक नियमों के उल्लंघन, महिला कर्मचारियों के शोषण या अश्लीलता के मामलों में मालिक की जवाबदेही तय करेगा। बार मालिकों या संचालकों को उल्लंघन के मामले में पांच साल तक की कैद की सजा और 25000 रुपए तक के जुर्माने का दंड भुगतना पड़ सकता है। विधेयक के प्रावधानों के आधार पर इस पर अलग नियम बनाये जा रहे हैं।

नयी शर्तों के अनुसार डांस बार किसी शिक्षण या धार्मिक स्थल से कम से कम एक किलोमीटर दूर रहने चाहिए। उनका समय शाम छह बजे से रात 11:30 बजे तक रहेगा और डांस वाली जगह पर शराब नहीं परोसी जाएगी। विधेयक आवासीय इमारतों में बारों के संचालन पर रोक लगाएगा और तीन-चौथाई निवासियों की सहमति से केवल अर्द्ध-आवासीय इलाकों में इसकी अनुमति देगा। विधेयक में महाराष्ट्र पुलिस अधिनियम की धारा 33 (ए) के संशोधनों को रद्द करने का भी प्रावधान है।