2005 में मप्र के सीएम बनने के बाद से शिवराज सिंह चौहान की इमेज एक उदार नेता की रही है। उनको अक्सर मामा के नाम से लोग जानते हैं। लेकिन इस बार उनकी छवि में बदलाव हुआ है। उनको बुलडोजर मामा कहा जा रहा है। एक न्यूज चैनल से बातचीत के दौरान उन्होंने कहा कि बुलडोजर का एक्शन आने वाले समय में भी जारी रहेगा।

NDTV के साथ बातचीत में शिवराज ने कहा कि अगर वो नर्म हो जाएंगे तो डकैत, माओवादी, माफिया और अपराधियों से कैसे निपटा जा सकेगा। ऐसे लोगों पर नकेल कसने के लिए जरूरी है कि सरकार सख्ती से अपने कदम उठाए। नहीं तो इस तरह के तत्व बेलगाम हो जाएंगे। शिवराज ने कहा कि 2005 में जब वो पहली दफा सीएम बने तब तीन समस्याएं मप्र में थीं। पहली चंबल के डकैतों की। तब मैंने कहा था कि मप्र की धरती पर या तो शिवराज रहेगा या फिर डकैत। उनका कहना था कि एक साल के भीतर उन्होंने डकैतों को मप्र से साफ कर दिया।

शिवराज का कहना था कि माओवादियों को भी उन्होंने जड़ से खत्म कर दिया। उनका कहना था कि वो लोगों के प्रति उदार हैं। लेकिन हर किसी के प्रति इसी तरह का रवैया अपनाएंगे तो फिर अपराधी बेलगाम हो सकते हैं। उनका सवाल था कि बुलडोजर को मुद्दा क्यों बनाया जा रहा है?

सागर में दलितों के घर गिराकर फंस गई थी शिवराज सरकार

गौरतलब है कि जुलाई में दलित शख्स पर पेशाब करने वाले परवेश शुक्ला का घर सरकार के आदेश पर गिराया गया था। सतना के मैहर में 12 साल की बच्ची से दुष्कर्म करने वाले दो आरोपियों का घर भी सरकार के आदेश पर गिरा दिया गया था। हालांकि जून में सागर जिले में दलितों के 10 घरों को गिराने की घटना से बवाल मच गया था। इनमें से 6 घर पीएम आवास योजना के तहत बनाए गए थे। जंगलात महकमे का कहना था कि जो घर उसकी जमीन पर अवैध तरीके से बने थे वो ही गिराए गए हैं। कांग्रेस और आप की तीखी आलोचना के बाद सरकार को घरों को फिर से बनाने का वायदा करना पड़ा।