गुरुवार को म्धयप्रदेश के ग्वालियर में सैंकड़ों की संख्या में छात्र-छात्राओं ने केंद्र सरकार के खिलाफ जमकर प्रदर्शन किया. छात्रों ने यह प्रदर्शन केंद्र सरकार द्वारा किए गए नेशनल एलिजिब्लिटी एंटरेंस टेस्ट (नीट) में किए गए बदलावों को लेकर किया. छात्रों ने ग्वालियर के फूलबाग इलाके रैली निकाली जिससे की सड़कों पर चक्काजाम हो गया. इस नए बदलाव के चलते मध्यप्रदेश के ही नहीं कई राज्यों के छात्र नाराज हैं. उनका कहना है कि केंद्र सरकार को इतना बड़ा फैसला लेने से पहले उनका भविष्य को ध्यान में रखना चाहिए था क्योंकि इतने बड़े फैसले के कारण उनके भविष्य पर काफी गहरा असर पड़ेगा.केंद्र सरकार द्वारा नीट में किए गए इस नए बदलाव में यह जारी किया गया है कि अब एक छात्र को मेड़िकल में प्रवेश करने के लिए दी जाने वाली परिक्षा नीट में केवल तीन मौके ही दिए जाएंगे. इसके अलावा परिक्षा में बैठने वाले परिक्षार्थियों के लिए आयु सीमा भी रखी गई है. सामान्य वर्ग के लिए 25 वर्ष और आरक्षित वर्ग के लिए 30 वर्ष के आयु सीमा रखी गई है.
इससे नाराज छात्रों का कहना है कि सरकार ने ये नियम जबरजस्ती हम छात्रों पर ड़ाल दिए हैं. सरकार ने इतना बड़ा फैसला करने से पहले एक बार भी हमारे भविष्य के बारे में सोचना जरुरी नहीं समझा. उनका कहना है कि राज्य के मेडिकल कॉलेजों पर अपना नया नियम थोपकर केंद्र सरकार हमारे भविष्य के साथ खिलावाड़ नहीं कर सकती. आपको बता दें कि राज्यों के मेडिकल कॉलेजों में दाखिले के लिए पहले किसी भी तरह की आयु सीमा का बंधन नहीं था.
इस बदलाव के बाद ऑल इंडिया नेशनल मेडिकल स्टूडेंट्स एसोसिएशन के सचिव आलोक तिवारी का कहना है कि ऐसा नियम लागू करने से पहले सरकार को एक बार हमें सूचना देनी चाहिए थी. उन्होंने कहा कि जो छात्र पहले ही इस परिक्षा को तीन बार दे चुके हैं उनके लिए सरकार ने तो एक मौका भी नहीं छोड़ा की वे एक बार और परिक्षा दे पाएं क्योंकि इस नए बदलाव के बाद तो उन्हें परिक्षा में बैठने का मौका ही नहीं मिलेगा. आपको बता दें कि अगली नीट की परिक्षा 7 मई को है. वहीं छात्र सरकार से यह मांग कर रहे हैं कि सरकार ने परिक्षार्थियों के लिए जो आयु सीमा तय की है सरकार उस फैसले को वापिस ले.

