एमपी के पथरिया की विधायक रामबाई से दमोह में लोगों ने रिश्वत लिए जाने की शिकायत की तो उनका कहना था कि हजार-पांच सौ की घूस लेना ठीक है पर 10 हजार लेना गलत है। शिवराज सिंह चौहान की सरकार पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा कि सब कुछ अंधेर नगरी चौपट राजा जैसा चल रहा है। विधायक ने कहा कि इतना भ्रष्टाचार ठीक नहीं। कर्मचारियों को हद में रहकर काम करना चाहिए। रामबाई बसपा के टिकट के विधायक चुनी गई थीं पर फिलहाल उनके को पार्टी ने निलंबित कर रखा है।

दरअसल, कुछ दिन पहले PM आवास के नाम पर रिश्वत मांगे जाने की शिकायत लेकर सतऊआ गांव के लोग विधायक के पास आए थे। उनका कहना था कि महकमे के अधिकारी विधायक के पास हजारों रुपए वसूल रहे हैं। विधायक रविवार शाम सतऊआ पहुंचीं। वहां चौपाल लगाई। इसमें संबंधित अफसरों को भी बुलाया गया। ग्रामीणों ने विधायक के सामने ही सहायक और सचिव पर वसूली के आरोप लगाए।

विधायक ने कहा कि थोड़ा बहुत तो चलता है, लेकिन हजारों रुपए किसी गरीब से ले लेना गलत है। यदि एक हजार रुपए भी ले लेते तो कोई आपत्ति नहीं थी। सवा लाख के घर में 5 से 10 हजार की रिश्वत लेना ठीक नहीं है। उनका कहना था कि आटे में नमक बराबर रिश्वत चलती है।

विधायक ने सहायक और सचिव से कहा कि वो घर में 1 लाख रुपए का बाथरूम बना सकते हैं पर गरीब लोग सवा लाख में घर बना रहे हैं। उनसे 10 हजार लेंगे तो उन पर क्या बीतेगी। हालांकि, पंचायत में सहायक और सचिव को बुरा भला कहने के बाद भी विधायक ने कर्मचारियों की शिकायत नहीं ली। उनका तर्क था कि ग्रामीणों के पैसे वापस करने के लिए रोजगार सहायक और सचिव से कह दिया है।

गौरतलब है कि 2018 के विधानसभा चुनाव में बसपा के दो विधायक संजीव कुशवाह और रामबाई ने जीत हासिल की थी। संजीव पहले ही बसपा से किनारा करके बीजेपी से जुड़ चुके हैं जबकि रामबाई को पार्टी ने निलंबित कर रखा है। रामबाई अपने बयानों के लिए अक्सर सुर्खियों में रहती हैं। 2019 में रमाबाई ने कहा था कि बीजेपी सभी को ऑफर दे रही है। उनके पास भी फोन आते हैं। उन्हें मंत्री पद के साथ-साथ 50-60 करोड़ रुपये का ऑफर दिया जा रहा है।