मध्य प्रदेश के शिवपूरी जिले के आदिवासी बहुल गांव के निवासियों ने आरोप लगाया है कि सीएम शिवराज सिंह चौहान ने उन्हें एक कार्यक्रम में कुछ तोहफे देकर गये लेकिन ज्यों ही सीएम इस कार्यक्रम से वापस गये कुछ अधिकारियों ने ग्रामीणों से सारे तोहफे छीन लिये। समाचार एजेंसी एएनआई के मताबिक 9 दिसंबर को मध्य प्रदेश के शिवपूरी में सहरिया सम्मेलन का आयोजन किया गया था। इस कार्यक्रम में सीएम खुद पहुंचे थे। रिपोर्ट्स के मुताबिक कार्यक्र में सीएम ने आदिवासी बालिकाओं का ना सिर्फ सम्मान किया, बल्कि उन्हें 2100 रुपये, कपड़े और कुछ दूसरे गिफ्ट भी दिये। कार्यक्रम में सीएम ने बच्चियों का पैर भी धोया। बता दें कि शिवराज सिंह चौहान मध्य प्रदेश में लड़कियों के बीच काफी लोकप्रिय हैं। सीएम खुद को एमपी की बेटियों का ‘मामा’ भी कहते हैं। लेकिन इस कार्यक्रम में हुआ वाकया काफी हैरान करने वाला है। गांव वालों ने कहा कि सीएम जैसे ही कार्यक्रम से वापस गये। अधिकारी सारे गिफ़्ट वापस ले गये।

हालांकि शिवपूरी के कलेक्टर का कुछ और कहना है। उन्होंने कहा कि गांव वालों को कार्यक्रम के बारे में कुछ गलतफहमियां हो गई थी। उन्होंने कहा, ‘सीएम ने बच्चियों को मात्र 100 रुपये दिये थे ना कि 2100 रुपये। इसके अलावा गिफ्ट के तौर पर स्वेटर भी दिया गया था, लगता है गांव वालों को कार्यक्रम के बारे में समझने में कुछ भूल हुई है।’ हालांकि उन्होंने कहा कि मामले की जांच की जाएगी और जिन अधिकारियों ने कथित तौर पर गिफ्ट वापस लिया है उनकी जांच की जाएगी।

इधर मध्य प्रदेश के शिवपुरी जिले में गरीबी रेखा से नीचे के परिवारों (सहरिया आदिवासियों) के घर के बाहर लिखे संदेश ‘मेरा परिवार गरीब है’ को मिटाया जा रहा है। विरोध होने पर यह काम रात के अंधेरे में चल रहा है। शिवपुरी के विनैगा गांव के सहरिया आदिवासियों ने मंगलवार को संवाददाताओं को बताया कि सोमवार की रात को कई लोग लोग आए थे और उन्होंने घरों के बाहर लिखे संदेश को न सिर्फ मिटाया, बल्कि उसके ऊपर सफेद रंग भी पोत दिया। पिछले दिनों सरकार की ओर से सर्वेक्षण करने वालों ने सहरिया आदिवासियों के घरों के बाहर ‘मेरा परिवार गरीब है’ लिखा था।