मध्य प्रदेश के खरगोन में रामनवमी के जुलूस पर पथराव के बाद भड़की हिंसा में कई लोगों का सबकुछ तबाह गया। रामनवमी जुलूस पर उपद्रवियों द्वारा पथराव किया गया था, जिसमें खरगोन एसपी सिद्धार्थ चौधरी समेत दर्जनों लोग घायल हुए थे। खरगोन में भड़की हिंसा के दौरान दंगाइयों ने लोगों के घर जला दिए, दुकानों में तोड़फोड़ की। इस बीच, एक रिटायर्ड मुस्लिम पुलिसकर्मी का कहना है कि वे मीडिया के सामने हिंसा की आपबीती बताने निकले तो पुलिस ने उनको लाठियों से पीटा।
सामने आए वीडियो में एक मुस्लिम शख्स खुद को रिटायर्ड एएसआई बता रहा है। उन्होंने कहा, “पत्रकारों और कुछ लोगों की टीम आई थी और जानकारी ले रही थी, सब लोग अपना-अपना नुकसान बता रहे थे जो हिंसा के दौरान हुआ था। इतने में किसी ने मेरी तरफ इशारा किया, जिसके बाद मैं अपने घर से बाहर आया।”
उन्होंने आगे कहा, “जैसे ही मैं घर से बाहर आया, एक दीवान मेरे पास आया और बोला कि अपने घर में जाओ। मैंने कहा कि भाई, मैं भी स्टाफ का आदमी हूं, रिटायर्ड एएसआई हूं। इतना सुनते ही वह बोला- तेरी ऐसी की तैसी, होगा एएसआई.. इसके बाद उसने लाठियों से मुझे पीटा।” खरगोन में हिंसा के बाद इलाके में कर्फ्यू लगा दिया गया है।
हालांकि, गुरुवार को इस कर्फ्यू में दो घंटे की छूट दी गई है। प्रशासन द्वारा कर्फ्यू में यह छूट सुबह 10 बजे से 12 बजे तक दी गई है। इस दौरान दूध, किराना, सब्जी, फल सहित मेडिकल से संबंधित जरूरी चीजों के लिए छूट दी गई है। इसको लेकर जिला कलेक्टर की तरफ से आदेश जारी किए गए हैं।
खरगोन में पथराव, आगजनी की घटनाओं के बाद कर्फ्यू लगा दिया गया था। शहर के चार स्थानों पर पथराव की अलग-अलग घटनाएं हुई थीं। कर्फ्यू के कारण 11 अप्रैल को पूरा शहर बंद रहा था और चप्पे-चप्पे पर भारी पुलिस बल तैनात किया गया था। पुलिस ने हिंसा के मामले में अभी तक 121 लोगों को गिरफ्तार किया है।