एक लाख 60 हजार में दुल्हन खरीदने के मामले में मध्य प्रदेश पुलिस ने महिला को ही दोषी मानते हुए उस पर विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज किया है। महिला को अदालत ने जेल भेज दिया है। वहीं उसे खरीदने वाला आदमी आजाद घूम रहा है। पुलिस में दर्ज शिकायत के अनुसार इंदौर से एक लाख 60 हजार रुपये में खरीदकर लाई गई दुल्हन सुहागरात के दिन ही अपने पति के घर से भाग गई। हालांकि बाद में महिला पकड़ी गई और उसके पति और अन्य ग्रामीणों ने उसे पुलिस के हवाले कर दिया। हैरत की बात ये है कि महिला और पुरुष दोनों ही मान रहे हैं कि एक लाख 60 हजार में खरीद-बिक्री हुई लेकिन दोनों ही एक दूसरे पर धोखा देने का आरोप लगा रहे हैं। महिला का आरोप है कि उसे शादी से पहले किसी और की तस्वीर दिखाई गई थी। वहीं पुरुष का आरोप है कि महिला पैसा लेने के बाद भाग जाना चाहती है।

ये मामला पिछले महीने 25 नवंबर को सामने आया था। पुलिस में दर्ज शिकायत के अनुसार ये मामला छतरपुर जिले के बिजावर विधानसभा क्षेत्र के सटई थाना क्षेत्र के ग्राम संग्रामपुरा का है जहाँ बाबूलाल शुक्ला के बेटे छन्नूलाल शुक्ला की शादी नहीं हो पा रही थी। जिसके चलते दलालों के माध्यम से 1 लाख 60 हजार रुपये में दुल्हन खरीदी गई थी। गांव में आने के दो दिन बाद ही महिला ने कहा कि उसे बाजार जाना है। बाजार पहुंचने के बाद महिला ने भागने की कोशिश की। महिला के साथ बाजार गए उसके पति छन्नूलाल ने स्थानीय लोगों की मदद से उसे पकड़ लिया। छन्नूलाल और अन्य लोग महिला को पुलिस थाने लेकर गए। पुलिस ने पहले महिला को स्थानीय “महिला आश्रय गृह” में भेजा था। पूरे मामले में पुलिस ने महिला को एकतरफा दोषी मानते हुए विभिन्न धाराओं (420, 120 बी, 34 IPC) के तहत कार्यवाही करते हुए न्यायलय में पेश किया। न्यायालय ने महिला को जेल भेज दिया है। बुधवार (7 दिसंबर) तक महिला छतरपुर जेल में ही थी, जबकि उसे खरीदने वाला आजाद घूम रहा है।

वहीं गिरफ्तार महिला बबिता मालवीय (बदला हुआ नाम) की मानें तो वह भाग्यश्री कालोनी, विजय नगर इंदौर निवासी है। महिला के अनुसार उसकी एक बेटी भी है और वो घरों में चौका-बर्तन, साफ़-सफाई करके अपना गुजारा करती थी। महिला ने बताया कि एक स्थानीय महिला और पुरुष ने उससे कहा कि तुम कब तक बिना पति के इस तरह से जीवन गुजारोगी अब बेटी भी बड़ी हो रही है। हम तुम्हारी अच्छी जगह शादी करवा देते हैं जहां तुम्हें और तुम्हारी बेटी को आसरा मिल जायेगा और काम भी नहीं करना पड़ेगा। महिला के अनुसार उसने उनकी बातों पर यकीन करके युवक की तस्वीर देखने के बाद शादी के लिए हां कर दी थी। महिला के अनुसार वो अपनी बेटी को इंदौर में छोड़कर उन लोगों के साथ छतरपुर आ गई।

महिला के अनुसार 24 नवंबर को उसे बिजावर के संग्रामपुर गांव लाया गया। 25 नवंबर को उससे कुछ दस्तावेज पर दस्तखत करवाए गए। महिला के अनुसार उससे कहा गया था कि दो दिन बाद विधिवत उसकी शादी हो जाएगी उसके बाद वो अपनी बेटी को ला सकती है। महिला के अनुसार 25 नवंबर को जब पहली बार दुल्हा उसके सामने आया तो वो अवाक् रह गई। महिला के अनुसार उसे जिस आदमी की तस्वीर दिखाई गई थी वो कोई और था। महिला के अनुसार वो व्यक्ति “उम्र में काफी बड़ा (दोगुना) और लंगड़ा था।” महिला के अनुसार जब उसने विरोध किया तो उस व्यक्ति ने उससे कहा कि वो उसे जिंदगी भर अपने पास नहीं रखेगा और बाद में किसी और को बेच देगा।

महिला के अनुसार उसने किसी तरह छन्नूलाल को समझाया कि कल बाजार से खरीदारी करके विधिवत शादी करेंगे और तब सुहागरात मनाएंगे। महिला के अनुसार जब वो बाजार गई तो शौचालय जाने के बहाने भागने की कोशिश की लेकिन छन्नूलाल ने उसे पकड़ लिया और पुलिस थाने ले आया। महिला के अनुसार पुलिस एकतरफा कार्रवाई करते हुए उस पर मामला दर्ज किया है। महिला ने कहा, “जिसने मुझे खरीदा उस पर पुलिस कुछ नहीं कर रही। क्या सिर्फ मेरा ही दोष है उसका कुछ नहीं जो मानव तस्करी कर रहा है। क्या इस तरह कोई किसी को खरीद या बेच सकता है। धोखा मेरे साथ हुआ है और सिर्फ मुझे ही सजा दी जा रही है। मेरा कसूर सिर्फ इतना है कि मैंने अपनी बेटी की खातिर शादी करनी चाही और लोगों ने मिलकर मेरे साथ ही धोखा कर डाला है। अब मेरी बेटी का क्या होगा।”

छन्नूलाल ने भी माना कि उसने महिला को एक लाख 60 हजार रुपये में खरीदा है। छन्नूलाल के अनुसार 25 नवंबर को उसकी महिला से कोर्ट मैरिज हुई थी। कागजी कार्रवाई के बाद महिला ने बाजार जाने की बात कही। बाजार जाने पर वो भागने लगी तो उसने उसे पकड़ लिया। छन्नूलाल का आरोप है कि शादी के नाम पर उसके साथ ठगी की गई है।

स्थानीय सामाजिक कार्यकर्ता कौशल्या शर्मा ने बताया कि पुलिस ने पहले महिला को स्थानीय “महिला आश्रय गृह” में रखा था। शर्मा कहती हैं, “महिला से हमने भी बात की वह अपने आप को निर्दोष बता रही है। उसकी 10-11 साल की बेटी भी उसके साथ यहाँ रह रही है। जो भी हो एकतरफा कार्यवाही होना उचित नहीं है।” वहीं समाजसेवी और महिला आश्रय गृह चलाने वाली गायत्री देवी परमार की मानें तो बुंदेलखंड में इस तरह के रैकेट आम हो चले हैं। इस तरह के कई मामले प्रकाश में आ चुके हैं जहां शादी के नाम पर महिलाओं की खरीद फरोख्त की जाती है। रैकेट चलाने वाले लोग उड़ीसा, बिहार, रांची, झारखंड, और अन्य प्रदेशों से महिलाओं को खरीदकर लाते हैं और यहाँ बेचकर चले जाते हैं।

रिपोर्ट- कीर्ति राजेश चौरसिया