मध्य प्रदेश के झाबुआ जिले में वर्ष 1998 में हुए नन दुष्कर्म कांड का दोषी पिदिया सिंगाड़िया को पुलिस ने मंगलवार को एक बार फिर 11 वर्ष बाद गिरफ्तार कर लिया। वह वर्ष 2006 में जेल से पैरोल पर रिहा होने के बाद फरार हो गया था। आरोपी पर 10 हजार रुपये का इनाम था।पुलिस अधीक्षक महेश चंद जैन ने आईएएनएस को बताया, वर्ष 1998 में कल्याणपुर थाना क्षेत्र के डकैती, हत्या के प्रयास और दुष्कर्म जैसे मामले में पिदिया दोषी है। पुलिस ने उसे इस मामले में पकड़ लिया था। उसे न्यायालय ने आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी। वर्ष 2006 में जेल से पैरोल पर वह छूटा और उसके बाद से फरार चल रहा था।
जैन के मुताबिक, आम लोगों की सूचना पर रुनखेड़ा से उत्पात मचाने वाले एक व्यक्ति को पकड़ा गया। एक पुलिस अधिकारी द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार आरोपी तलवार लेकर इलाके में हंगामा कर रहा था। वहां मौजूद लोगों ने इसकी सूचना पुलिस को दी। मौके पर पहुंची पुलिस को आरोपी को पकड़ने में काफी मशक्कत करनी पड़ी। आरोपी को पकड़ने के बाद पुलिस उसे लेकर थाने आई और उससे पूछताछ की। इसी बीच पुलिस ने उसका पिछला रिकॉर्ड खंगाला तो पुलिस को उसकी सच्चाई का पता चला। पुलिस ने उससे पूछताछ की तो उसने बताया कि उसे नन रेप कांड में दोषी ठहराया गया है।
आपको बता दें कि आरोपी इंदौर की सेट्रल जेल में बंद था। पैरोल मिलने के बाद भागे इस आरोपी पर इंदौर के तत्कालीन पुलिस उपमहानिरीक्षक द्वारा 10 हजार रुपये का इनाम भी घोषित किया गया था। इस आरोपी ने 1998 में नवापाड़ा के चर्च में कुछ बदमाश आधी रात में घुस गए थे। बदमाशों ने पहले तो वहां के सामान पर हाथ साफ किया और फिर वहां मौजूद कुछ ननों को अपनी दरिंदगी का शिकार बनाया। इस मामले पर देश में ही विदेशों में भी चर्चा हुई थी।
