मध्य प्रदेश में वनवास खत्म कर आई कांग्रेस ने पार्टी की विधायक हिना कावरे को विधानसभा का डिप्टी स्पीकर बनाया है। हिना कावने ने अपने पिता को करीब 18 साल पहले खो दिया था। उस वक्त हिना की उम्र करीब 15 साल थी। हिना के पिता लिखीराम कावरे को नक्सलियों ने मार डाला था। हिना के पिता भी राजनीति में थे। वह तीन बार किरनापुर सीट से विधायक रहे थे। राज्य की दिग्विजय सरकार में लखीराम ट्रांसपोर्ट मिनिस्टर रहे थे।

दिसंबर 1999 में लिखीराम कावरे को बालाघाट जिले में स्थित उनके गांव के घर के बाहर ही नक्सलियों ने मार डाला था। पिता की मौत के बाद हिना की मां पुष्पलता ने इसी सीट से दो बार जीत हासिल की थी। हालांकि अब यह सीट अस्तित्व में नहीं है। परिसीमन के बाद किरनापुर खत्म कर दी गई। वहीं, हिना ने 2013 में लांजी से अपना पहला चुनाव लड़ा था।

विधानसभा में विपक्ष के हंगामे और आपत्ति के बीच कांग्रेस की हिना कांवरे को डिप्टी स्पीकर नियुक्त कर दिया गया। वहीं, राज्य की अब मुख्य विपक्षी पार्टी भाजपा ने इस पद के लिए जगदीश देवड़ा का नाम आगे किया था। करीब तीन दशक से चली आ रही परम्परा के मुताबिक, विधानसभा स्पीकर सत्ता पक्ष और डिप्टी स्पीकर विपक्ष का होता था। लेकिन इस बार विपक्षी भूमिका में आई बीजेपी ने स्पीकर पद के लिए अपना कैंडीडेट उतार दिया। इसे देखते हुए कांग्रेस ने डिप्टी स्पीकर पद पर हिना कांवरे को नियुक्त कर दिया।

बता दें कि, इससे पहले हिना कावरे ने मंत्रिमंडल गठन के बाद बयान दिया था। हिना ने मंत्री पद न दिए जाने के सवालों पर कहा था कि, ‘हो सकता है मुझे मंत्री पद न देने के पीछे कोई कारण हो। अगर मुझे मंत्री नहीं बनाया गया है तो इससे कोई फर्क नहीं पड़ता। मैं बचपन से राजनीति देखती आई हूं। मैंने अपने पिता को एक मंत्री के रूप में काम करते देखा है इसलिए मैं किसी पद के लिए ललायित नहीं हूं।’