“पापा मैं जा रही हूं। हमेशा के लिए। मैं परेशान हो गई हूं। वह रोज फोन लगाकर परेशान करता है। आपको और भइया को जान से मारने की धमकी देता है लेकिन हमारी कोई गलती नहीं है। हमें माफ कर दो।” ये शब्द हैं उस जमना सोनी की 16 वर्षीय बेटी शिवानी की जिसने मनचलों से तंग आकर मौत को गले लगा लिया। शिवानी ने मंगलवार को जहरीला पदार्थ खाने के बाद आखिरी बार अपने पिता से ये बातें कही थीं। मामला मध्य प्रदेश के टीकमगढ़ जिले के हटा गांव का है, जहां मनचलों ने शिवानी को इस कदर परेशान किया कि उसने मौत को गले लगाना ही बेहतर समझा।

16 वर्षीय शिवानी सोनी 11वीं की छात्रा थी। उसने जहरीली गोलियां खा ली थी जिसके बाद इलाज के लिए उसे टीकमगढ़ जिला चिकित्सालय में लाया गया लेकिन इलाज के दौरान उसने दम तोड़ दिया। शिवानी के पिता जमुना सोनी के मुताबिक मनचले शिवानी को रोज-रोज फोन पर परेशान किया करते थे। बात न मानने पर भाई एवं पिता को मारने की धमकी दिया करते थे। मरने से पहले शिवानी ने अपने पापा को बताया था कि कुछ लड़के उसे फोन पर काफी समय से परेशान कर रहे हैं।

दरअसल, शिवानी यह सोच रही थी कि कुछ दिनों के बाद मनचले उसे परेशान करना छोड़ देंगे और मामला यूँ ही शांत हो जायेगा। काश! ऐसा हुआ होता तो शिवानी आज जिंदा होती। मजबूरी में शिवानी ने अपनी परेशानी अपने परिजनों को भी नहीं बताई और बताया भी तब जब काफी देर हो चुकी थी। शिवानी के भाई अभिषेक सोनी की मानें तो परेशान करने वाला लड़का करीब एक महीने से घर में रखे दादा के नंबर पर फोन करता था। सुबह के समय करीब 11.30 पर उसी लड़के का फोन आया था। फिर उसके बाद उसने करीब 3.35 बजे फोन किया। इस बार पीड़िता के भाई अभिषेक ने फोन उठाया तो वह उसे धमकाने लगा। फोन करने वाला खुद को पहले निवाड़ी और फिर कुलगुंवा का निवासी बता रहा था। फोन पर उसने गालियां देते हुए पिता और उसे जान से मारने और बदनाम करने की धमकी दी थी।

लड़की की मौत के बाद मामला पुलिस के पास पहुंचा। एसडीओपी नीतेश भार्गव ने बताया कि केस दर्ज कर मामले की जांच की जा रही है। जांच के बाद जो तथ्य सामने आयेंगे उस आधार पर कार्रवाई की जायेगी। फोन नंबर के आधार पर पुलिस कॉल डिटेल और टॉवर लोकेशन पता कर रही है। साथ ही उन लड़कों का पता लगाने की कोशिश कर रही है जो फोन कॉल कर शिवानी को परेशान करते थे। बहरहाल, यह कोई पहला मामला नहीं है जब मनचलों से परेशान होकर किसी लड़की ने खुदकुशी की हो। हाल ही में इस तरह का मामला छतरपुर जिले के घुवारा नगर में भी हुआ था जहां स्कूली छात्रा ने कुछ मनचले लड़कों से तंग आकर आत्महत्या कर ली थी। अगर समय रहते पुलिस प्रशासन ऐसे मनचलों पर कार्रवाई करती तो किसी की लाडली की जान बच सकती थी।