मध्य प्रदेश में जल्द होने जा रहे विधानसभा चुनाव से ऐन पहले कांग्रेस एक बार फिर विवाद में घिर गई है। पार्टी ने व्यापमं घोटाले के दागी फुंदेलाल सिंह मरको को अनूपपुर जिले की पुष्पराजगढ़ सीट से टिकट दिया है। वह वर्तमान कांग्रेस विधायक हैं, लेकिन उन्हें दोबारा से टिकट देने की वजह से सत्ताधारी बीजेपी विपक्षी पार्टी को निशाना बना सकती है। ऐसा इसलिए क्योंकि कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी इस घोटाले को लेकर बीजेपी पर खासा हमलावर रहे हैं। राजनीतिक जानकार यह मानते हैं कि इस कदम से कांग्रेस के चुनावी अभियान को धक्का लग सकता है क्योंकि किसी दागी प्रत्याशी को टिकट देना उसकी साख पर सवाल उठाएगा।
फुंदेलाल ने साल 2013 में दो बार के बीजेपी विधायक सुदामा सिंह को हराकर पुष्पराजगढ़ सीट पर कब्जा किया था। मोदी लहर के दौरान उनकी जीत ही उन्हें दोबारा से टिकट का दावेदार बनाती है। बता दें कि इससे पहले, व्यापमं घोटाले के एक अन्य व्यापमं आरोपी बीजेपी नेता गुलाब सिंह किरार को पार्टी में जगह देने की वजह से भी कांग्रेस की खासी किरकिरी हुई थी।
इसके बाद पार्टी ने यूटर्न लेते हुए कहा था कि किरार को कांग्रेस में शामिल नहीं किया गया है। वहीं, किरार का कहना था कि अब वह पार्टी में हैं, इसलिए वह कांग्रेस के लिए ही काम करेंगे। कांग्रेस यह दलील दे सकती है मरको नहीं, उनके बेटे सीबीआई द्वारा व्यापमं से जुड़े केस में आरोपी बनाए गए हैं। वहीं, राजनीतिक जानकार मानते हैं कि इस दलील से कांग्रेस का कोई खास भला नहीं होने वाला है।
द टाइम्स ऑफ इंडिया की खबर के मुताबिक, व्यापमं घोटाले के विसिलब्लोअर आशीष चतुर्वेदी ने कहा कि मरको और उनके बेटे दोनों को ही राज्य की स्पेशल टास्क फोर्स ने आरोपी बनाया था। इसके अलावा, किसी को भी क्लीनचिट नहीं मिली है। इस मामले की आगे की जांच 2015 में सीबीआई के पास है। मरको के बेटे पर आरोप है कि उन्होंने 2009 में अवैध तरीके से ग्वालियर मेडिकल कॉलेज में सीट हासिल की। वह इस केस में मुख्य आरोपी हैं जबकि उनके विधायक पिता को सह आरोपी बनाया गया है, जिन्होंने कथित तौर पर घूस देकर अपने बेटे को एडमिशन दिलाया।
मरको ने इस मामले पर कहा कि एजेंसियां उनके खिलाफ चार्जशीट दाखिल करने में नाकाम रही, इसलिए आरोप हटा लिए गए। इसके बाद उन्होंने मोबाइल यह कहते हुए स्विच ऑफ कर लिया कि वह इस बारे में बाद में बात करेंगे। वहीं, कांग्रेस नेता भूपेंद्र गुप्ता ने कहा कि उनकी जानकारी के हिसाब से मरको को एसटीएफ ने आरोपी बनाया था और वह सीबीआई की आरोपियों की सूची में नहीं हैं।