प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भोपाल में वॉर मेमोरियल के उद्घाटन किया। इस मौके पर पूर्व सैनिकों को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि सेना मानवता की सबसे बड़ी मिसाल है। सैनिक देशसेवा में अपनी जिंदगी खपा देते हैं। मोदी ने कहा, ”श्रीनगर में बाढ़ के दौरान सेना के जवानों ने लोगों की राहत एवं बचाव कार्यों में मदद की। मदद करने के दौरान मेरे सैनिकों ने एक बार भी नहीं सोचा कि यह वहीं लोग है जो उन पर पत्थर फेंकते हैं। राष्ट्रीय आपदा के समय मानवता के चलते हमारे जवान लोगों की मदद करते हैं। जब हम सुरक्षा बलों के बारे में सोचते हैं तो हम उनकी बहादुरी और आपदा के समय मदद के बारे में सोचते हैं।” प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि संयुक्त राष्ट्र की शांति सेना में भारत सबसे बड़ा योगदान देने वाले देशों में से एक है। जब हम सैनिकों की बात करते हैं तो हमारे जेहन में उनकी यूनिफॉर्म और उनकी वीरता के बारे में सोचते हैं लेकिन हमें उन्हें मानवता के उदाहरण के रूप में भी देखना चाहिए।
प्रधानमंत्री ने सेना के विेदेशों में किए गए बचाव कार्यों का उल्लेख करते हुए कहा, ”यमन में भारतीयों को बचाने के दौरान भारतीय सेना ने कुछ पाकिस्तानियों को भी बचाया। यह हमारी भारतीय सेना की इंसानियत का उदाहरण है। सेना, बीएसएफ, सीआरपीएफ, कोस्टगार्ड के जवानों ने अपना बलिदान दिया ताकि हम चैन से सो सकें। दो विश्व युद्धों में डेढ़ लाख भारतीय सैनिक लड़ें और शहीद हुए। दुनिया को यह नहीं भूलना चाहिए। हिंदुस्तान का इतिहास इस बात का गवाह है कि हमारे पूर्वजों ने किसी की एक इंच जमीन को अपना बनाने के लिए झगड़ा नहीं किया है।”
मोदी सरकार दिवाली से पहले सेना के जवानों को देगी 10 फीसदी एरियर
#WATCH Crowd in Bhopal cheers as PM Modi says, “Army doesn’t speak, only displays its valour” pic.twitter.com/rAbUlV7rOn
— ANI (@ANI_news) October 14, 2016
उन्होंने कहा कि सेना की सबसे बड़ी ताकत दृढ़ निश्चय और इच्छाशक्ति है। यह सब सवा सौ करोड़ भारतीयों से आता है। हम चैन की नींद सो जाएं ता सेना को खुशी मिलती, लेकिन जागने के समय भी सो जाएं तो सेना माफ नहीं करती। मोदी ने कहा, ”यह शौर्य स्मारक हमारे और हमारी पीढियों के लिए तीर्थ स्थान है। उन दिनों रोज मेरे बाल नोच लिए जाते थे कि मोदी सोता है कुछ नहीं करता। लेकिन जैसे सेना बोलती नहीं हमारे रक्षा मंत्री बोलते नहीं। लेकिन सेना बोलती नहीं पराक्रम करती है।” पीएम ने बताया, ”सरकार ने सैनिकों को कार्यकाल के अाखिरी साल में स्किल डवलपमेंट की ट्रेनिंग देने का फैसला किया है ताकि उन्हें नौकरी के लिए परेशानी ना हो। कुछ देशों में लोग जब जवानों को रेलवे स्टेशन और एयरपोर्ट पर देखते हैं तो उनके लिए तालियां बजाकर सम्मान प्रदर्शित करते हैं। हमें भी ऐसा ही करना चाहिए।”