मध्य प्रदेश में पंचायत के फैसले के चलते एक बुजुर्ग को जान गंवानी पड़ी। पंचायत ने एक बछड़े के मरने पर 70 साल के किसान को एक टांग पर तीन घंटे तक खड़े रहने का आदेश दिया था। घटना बुंदेलखंड क्षेत्र के बड़ा मलहेरा गांव की है और मृतक का नाम हर सिंह लोधी है। द टेलीग्राफ की रिपोर्ट के अनुसार, नौ दिसंबर को एक बछड़ा हर सिंह लोधी के खेत में मरा पड़ा मिला था। उसके पास से चूहे मारने की दवा की बोटल थी। इस पर पंचायत ने लोधी को बुलाया और अपने ‘पाप’ का पश्चाताप करने को कहा। पंचायत ने शुद्धिकरण की कई रस्मों के साथ ही एक टांग पर खड़े रहने का आदेश भी दिया।
तीन घंटे की सजा के बाद हर सिंह लोधी बेहोश हो गए। उन्हें अस्पताल ले जाया गया जहां उन्हें मृत घोषित कर दिया गया। मौत का कारण पता नहीं चल पाया है। उनके बेटे दरियाब ने टेलीग्राफ को बताया, ”पहले उन्हें संगम में डुबकी लगाने के लिए इलाहाबाद जाना पड़ा। साथ ही सिर भी मुंडाना पड़ा। जब वह वापस आए तो दो समाजों को खाना खिलाना पड़ा और 500 रुपये का जुर्माना भी चुकाया।” उन्होंने करण लोधी, गोंदी लोधी और मर्दन पर सजा का दबाव डालने का आरोप लगाया। दरियाब ने आगे कहा, ”मेरे पिता खुद ही सजा पाना चाहते थे क्योंकि बछड़े के मरने के बाद से दोषी महसूस कर रहे थे। तीन घंटे तक कष्ट झेलने के बाद वे बेहोश हो गए।”
इस मामले में पुलिस में रिपोर्ट दर्ज कराई गई है। हालांकि कोई गिरफ्तारी नहीं हुई है। पुलिस का कहना है कि दरियाब के बयान के आधार पर केस दर्ज किया गया है। ऑटोप्सी रिपोर्ट आने के बाद कार्रवाई की जाएगी।

