मध्य प्रदेश में पिछले महीने नवजात बच्ची से बलात्कार और हत्या मामले में सुनवाई कर रही कोर्ट ने दोषी को फांसी की सजा सुनाई है। शनिवार (12 मई, 2018) को इंदौर सेशन कोर्ट में 23 दिन तक चले ट्रायल के बाद नवीन गोडको को तमाम सबूतों और बयानों के आधार पर मौत की सजा सुनाई गई। सुनवाई के दौरान स्पेशल पब्लिक प्रासीक्यूटर अकरम शेख ने जज वर्षा शर्मा की अदालत में कहा शख्स के अपराध को देखते हुए उसे फांसी सजा दी जाए। जिसके बाद गोडके पर फैसला देते हुए जज शर्मा ने कहा कि एक छोटा बच्चा जो रोने के सिवा कुछ नहीं जानता, उसके साथ यह घटना अमानवीय है। रिपोर्ट के मुताबिक फैसले के बाद दोषी नवीन गोडको ने अदालत से गुहार लगाई कि जेल में भेजने से पहले उसे मां और बहन से मिलने दिया जाए।
बता दें कि 20 अप्रैल को मामूस बच्ची गुब्बारे बेच रहे अपने मां-बाप के पास सो रही थी। बच्ची के मां-बाप का रोजगार भी यही काम है। रिपोर्ट के मुताबिक उनके पास अपना घर तक नहीं है। गौरतलब है कि लापता बच्ची का शव इंदौर में राजबाड़ा क्षेत्र की एक वाणिज्यिक इमारत के बेसमेंट में मिला था। बच्ची के माता-पिता ऐतिहासिक राजबाड़ा महल के बाहर बच्ची के साथ खुले में सो रहे थे। नवीन गडके नाम के एक युवक ने उनके बगल में सो रही बच्ची को अगवा कर लिया। मामले में एएसआई को लापरवाही बरतने के आरोप में सस्पेंड भी किया गया था।