मध्य प्रदेश में देवास लोकसभआ सीट से कांग्रेस उम्मीदवार रहे पद्मश्री प्रहलाद टिपानिया ने अपनी ही पार्टी पर गंभीर आरोप लगाए हैं। उन्होंने कहा कि पार्टी में कुछ उच्च जाति के पदाधिकारी हैं जो चुनाव के दौरान अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति के उम्मीदवारों का समर्थन नहीं करते हैं। मालवा लोक शैली में कवि कबीर के गीत गाने के लिए मशहूर टिपानिया आरक्षित निर्वाचन क्षेत्र से भाजपा के महेंद्र सोलंकी से 3,72,249 से चुनाव हार गए थे। कांग्रेस नेता का एक वीडियो भी सामने आया है जिसमें वह कह रहे हैं, ‘वहां अगर ऊंची जाति के लोग हैं तो उनती सक्रियता से काम नहीं करेंगे। वहां सिर्फ पद और प्रतिष्ठा को लेकर लोग बैठे हैं। उन्हें कुछ मिलेगा तो वो करेंगे वरना कुछ नहीं नहीं करेंगे।’

टिपानिया ने इंडियन एक्सप्रेस से भी बात की, जिसमें उन्होंने कहा, ‘बहुत कम लोग आरक्षित निर्वाचन क्षेत्रों में अपना पूरा सहयोग देते हैं। कुछ ऊंचि जाती के लोग खुले तौर पर कहते हैं कि हमें वहां से कोई चुनाव नहीं लड़ना है।’ उन्होंने आगे कहा कि हमने पार्टी के एक नेता को इस बारे में अवगत कराया, जिन्होंने संगठन के नुकसान के बारे में प्रतिक्रिया मांगी थी। साल 2011 में पद्मश्री विजेता टिपानिया ने आगे कहा कि दिसंबर के चुनाव में कांग्रेस ने देवास लोकसभा क्षेत्र के चार विधानसभा क्षेत्रों में जीत हासिल की थी मगर चार महीने बाद ही क्षेत्र में खराब प्रदर्शन किया। चुनाव में नुकसान की तरफ इशारा करते हुए उन्होंने कहा कि अगर उन्हें पदाधइकारियों का समर्थन मिला होता तो चीजें अलग होतीं। मामले में कांग्रेस एससी और एसटी यूनिट के इंचार्ज सुरेंद्र चौधरी और अजय शाह ने प्रतिक्रिया देने से इनकार कर दिया।

बता दें कि हाल में मध्य प्रदेश, राजस्थान और छत्तीसगढ़ के विधानसभा चुनाव में सरकार बनाने वाली कांग्रेस लोकसभा चुनाव में महज 52 सीटें जीत पाई। एमपी की 29 सीटों में कांग्रेस मात्र एक सीट पर जीत दर्ज कर पाई। यह सीट प्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ की है, जहां से उनके बेटे नकुलनाथ ने चुनाव जीता है। पार्टी कर्यासमिति की बैठ में पार्टी अध्यक्ष राहुल गांधी ने हार पर कांग्रेस के दिग्गज नेताओं को खूब निशाने पर लिया। उन्होंने कहा कि चुनाव के दौरान कुछ नेता अपने बेटों के प्रचार में लगे रहे। उनका सीधा इशारा कमलनाथ जैसे नेताओं की तरफ था।