केंद्रीय मंत्री और मध्य प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री रहीं उमा भारती ने सोमवार को कहा कि वह विधानसभा चुनावों में विशेष जाति के वर्चस्व वाले क्षेत्रों में भेजे जाने पर प्रचार नहीं करेंगी। भारती ने कहा, “मैं एक सन्यासी हूं और सभी लोगों का प्रतिनिधित्व करती हूं, लेकिन मुझे केवल एक विशेष जाति के वर्चस्व वाले क्षेत्रों में प्रचार के लिए भेजा गया है। मैं ऐसा नहीं होने दूंगी।” यह बात उन्होंने भोपाल में आयोजित रानी अवंती बाई की याद में किए गए एक कार्यक्रम दौरान कही। रानी अवंतीबाई लोधी जाति में पैदा हुई थीं और देश की आजादी की लड़ाई में जान कुर्बान कर दी थी। उमा भारती ने कार्यक्रम संयोजकों से कहा कि अगले साल से वह सभी जातियों के लोगों को कार्यक्रम में बुलाए। उन्होंने आगे कहा, “मैं केंद्रीय मंत्रालय में एक महत्वपूर्ण स्थान रखती हूं, क्योंकि मोदीजी और बीजेपी की राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह मेरा सम्मान करते हैं।”
यूपी की जीत का श्रेय पीएम मोदी को देते हुए केंद्रीय मंत्री ने कहा कि वह (मोदी) दुनिया में शायद एकमात्र ऐसे नेता होंगे जिसकी विश्वनीयता और लोकप्रियता प्रधानमंत्री बनने के बाद पिछले तीन सालों में बढ़ी हैं। वहीं, इस मामले पर कुछ भी बोलने से इंकार करते हुए बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष नंद सिंह चौहान ने कहा कि उमा भारती से इस संबंध में बात करने और यह बयान किस संदर्भ में दिया है। इस बात की जानकारी करने के बाद कोई प्रतिक्रिया देंगे। रैली को संबोधित करने से पहले मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और उमा भारती ने रानी अवंतीबाई की प्रतिमा को श्रद्धांजलि दी।
इससे पहले उमा भारती अपने बयानों को लेकर चर्चा में रह चुकी हैं। हाल में उन्होंने मंत्रियों द्वारा लाल बत्ती इस्तेमाल किए जाने पर भी बयान दिया। उमा भारती ने कहा है कि अगर कोई मंत्री सरकारी काम के लिए जा रहा हो तो वह लाल बत्ती का इस्तेमाल कर सकता है। लेकिन उमा ने किसी शादी अपने निजी कार्यक्रम के लिए जा रहे मंत्री के लिए लाल बत्ती वाली गाड़ी के इस्तेमाल को गलत बताया। भारती ने कहा, ‘अगर मंत्री मंत्रालय के काम से जा रहा है तो उसे लाल बत्ती का इस्तेमाल करने देना चाहिए, उसके लिए ट्रेफिक को भी कुछ देर तक रोका जा सकता है यहां तक की अगर फ्लाइट को भी पांच-सात मिनट की देरी हो जाती है तो कोई बात नहीं।’ फिर उन्होंने आगे कहा, ‘लेकिन अगर कोई मंत्री किसी शादी में हिस्सा लेने जा रहा है, किसी निजी काम से जा रहा है तब उसको ये सुविधाएं नहीं दी जानी चाहिए।’

