हिन्दू उत्सव समिति (एचयूएस) नामक संस्था चाहती है कि नवरात्रि में होने वाले गरबा में केवल हिंदुओं को प्रवेश दिया जाए और उसके लिए आधार कार्ड को आवश्यक बनाया जाए। संस्था का मानना है कि गरबा में गैर-हिन्दू लड़कियों को “लुभाने” के लिए आ जाते हैं। संस्था के अध्यक्ष कैलाश बेगवानी ने इंडियन एक्सप्रेस से बातचीत में स्वीकार किया कि वो गरबा में मुसलमानों के प्रवेश पर अंकुश लगाना चाहते हैं। बेगवानी ने कहा, “चुनाव पहचान पत्र या दूसरे दस्तावेज की तरह जाली आधार कार्ड बनवाना आसान नहीं है। जब कोई आधार कार्ड दिखा देगा तो उसकी पहचान पर कोई सवाल नहीं रह जाएगा।” बेगवानी के अनुसार त्योहार के बाद हिंदुओं लड़कियों द्वारा दूसरे धर्मों के लोगों द्वारा शोषण की ढेरों शिकायतें आती हैं।
हिन्दू उत्सव समिति ने अपनी मांग जिला प्रशासन द्वारा बुलायी गई एक शांति बैठक में रखी है। हालांकि जिला प्रशासन ने हिन्दू उत्सव समिति को इस बारे में कोई आश्वासन नहीं दिया है। हिन्दू उत्सव समिति में करीब छह हजार सदस्य हैं। कुछ दशकों पहले तक हिन्दू उत्सव समिति होली और दशहरा जैसे त्योहारों पर सार्वजनिक उत्सव कराती थी लेकिन गरबा का आयोजन नहीं करती थी। हिन्दू उत्सव समिति ने एक ज्ञापन देकर जिला प्रशासन से मांग की है कि गणेशोत्सव और जैन धर्म के पर्यूषण पर्व के दौरान मीट और शराब की दुकानें बंद रखी जाएँ। संस्था ने मांग की है कि अवैध तरीके से मीट लाने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाए।
हिन्दू उत्सव समिति ने गणेश जी की प्रतिमा की ऊंचाई नौ फीट से ज्यादा न बनाने की भी मांग की जिसे आयोजन समितियों ने खारिज कर दिया। हिन्दू उत्सव समिति की मांग थी कि जो लोग ऊंची मूर्ति बनवाएँ उन्हें बॉन्ड देने चाहिए कि उसकी वजह से कोई दुर्घटना हुई तो उसके लिए आयोजनकर्ता जिम्मेदार होंगे। पिछले साल उत्सव के दौरान दो बच्चों की करेंट लगने से मौत हो गई थी। शांति समिति के सदस्य और जानकी कमेटी के अध्यक्ष प्रमोद नेमा ने हिन्दू उत्सव समिति की इस मांग पर कहा, “हम कोई अपराधी नहीं है जो बॉन्ड भर के दें।”