मध्य प्रदेश की 91 साल की एक वृद्ध महिला बेटी से मिलने के लिए 180 किमी तक ट्राई साइकिल से चली गईं। महिला अशोक नगर जिले की रहने वाली है और दिव्यांग है। गरीबी और पैसों की तंगी तथा किसी का सहयोग नहीं मिलने से वह अकेले ही हिम्मत दिखाई और अंजान सफर पर निकल पड़ीं। इस दौरान महिला 8 दिन तक अकेले ट्राइसाइकिल चलाती रहीं और आखिरकार बेटी के घर पहुंच ही गई। चलने से पहले अपने साथ खाने-पीने का कुछ सामान भी वह रख ली थीं। इसका वीडियो भी वायरल हो रहा है।
रास्ते में कई जगह सड़क ऊंची और चढ़ाई वाली मिलीं तो उन्होंने खुद अपने हाथ से पहिये के टायर को घुमाते हुए संघर्ष किया। महिला का कहना है कि कई लोगों और बस वालों से मिन्नते कीं कि उनको लेते चलें, लेकिन पैसे नहीं होने पर किसी ने नहीं सुनीं, मजबूरन वह खुद ही साहस दिखाई और बिना किसी के सहयोग के वह लगातार चलती रहीं। इस दौरान रात के समय जहां थोड़ी बस्ती दिखीं वहीं अपनी ट्राइसाइकिल पर चद्दर ओढ़कर सो गईं। लगातार आठ दिन तक चलने से महिला का शरीर जरूर थक गया, लेकिन उनकी हिम्मत बरकरार है।
लोगों का कहना है कि मध्य प्रदेश सरकार की तमाम योजनाएं हैं, लेकिन वृद्ध महिला को उन योजनाओं का लाभ क्यों नहीं मिला, इसके बारे में स्थानीय प्रशासन को सोचना चाहिए।
उधर, मध्य प्रदेश के उज्जैन शहर में दो दिन पहले अपने घर के बाहर खेलने के दौरान लापता हुई चार साल की बच्ची का शव एक नाले के पास बोरे में मिला है। पुलिस के एक अधिकारी ने कहा कि शव बुधवार शाम को मिला। पुलिस ने तीन लोगों को हिरासत में लिया है। पुलिस को इन लोगों ने बताया कि लड़की उनके ठिकाने पर पहुंची और वहां एक पानी की टंकी में डूब गई। पूछताछ करने पर तीनों ने कहा कि लड़की की मौत के लिए जिम्मेदार ठहराए जाने के डर से उन्होंने शव को नाले के पास फेंक दिया।