मध्य प्रदेश के छतरपुर में ऑटो में प्रसव का मामला सामने आया है। जननी वाहन न मिलने के कारण परिजन प्रसूता को ऑटो में ले जा रहे थे। इसी दौरान प्रसव पीड़ा शुरू होने लगी और फिर इसी में प्रसव हो गया। नर्स ने ऑटो में ही बच्‍चे व प्रसूता का प्राथमिक उपचार किया। बाद में प्रसूता को बच्‍चे सहित अस्‍पताल में भर्ती कर लिया गया। जानकारी के मुताबिक बच्चे को जन्म देने वाली महिला का नाम सविता यादव (24 वर्ष) है। वह छतरपुर की ही रहने वाली हैं। महिला की सास लच्छी बाई यादव ने बताया कि जननी वाहन के लिए 108 नंबर पर कॉल किया। इस पर जवाब मिला कि जननी वाहन अभी खाली नहीं है। आप अपने वाहन से प्रसूता को अस्पताल ले जाओ। इस पर ऑटो किया और अस्‍पताल को रवाना हो गए। अस्पताल परिसर के गेट के पास ही प्रसव हो गया।

इसके पहले भी छतरपुर जिले में जननी से लापरवाही के कई मामले प्रकाश में आ चुके हैं जहाँ जननी को कहीं पैदल तो कहीं साइकिल पर ले जाया जाता है। गौरतलब है कि देश में स्‍वास्‍थ्‍य सेवाओं में अभी भी बड़े स्‍तर पर सुधार की जरुरत है। पिछले दिनों विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने कहा था कि गर्भावस्था के दौरान और बच्चे के जन्म के समय हर पांच मिनट पर एक भारतीय मां की मौत होती है। डब्ल्यूएचओ के अनुसार, हर साल बच्चे के जन्म से जुड़ी 5 लाख 29 हजार महिलाओं की मौत होती है। उनमें 1 लाख 36 हजार यानी 25.7 फीसदी अकेले भारत में मरती हैं। बच्चे के जन्म के 24 घंटे के अंदर यदि महिला का 500 मिली लीटर या 1000 मिली लीटर रक्त निकले तो वह रक्तस्राव (पीपीएच) की परिभाषा के तहत आएगा।

डब्ल्यूएचओ के अनुसार, भारत में खून की आपूर्ति बहुत की कम है। हर देश को कम से कम एक प्रतिशत खून आरक्षित रखने की अपेक्षा की जाती है। बयान में यह भी कहा गया है, एक अरब 20 करोड़ आबादी वाले भारत को हर साल 1 करोड़ 20 लाख यूनिट खून की जरूरत है लेकिन केवल 90 लाख यूनिट एकत्र किया जाता है।

delivery in auto, chhatarpur news, janani seva, 108 service, 108 ambulance, madhya pradesh news
नर्स ने ऑटो में ही बच्‍चे व प्रसूता का प्राथमिक उपचार किया। बाद में प्रसूता को बच्‍चे सहित अस्‍पताल में भर्ती कर लिया गया। (Jansatta Photo by: Kirti Rajesh Chourasia)
  • कीर्ति राजेश चौरसिया की रिपोर्ट