मध्य प्रदेश में स्वास्थ्य विभाग की लापरवाही का एक और मामला सामने आया है। यहां सड़क हादसे में घायल एक शख्स के फ्रैक्चर पैर पर प्लास्टर की जगह कागज का गत्ता लगा दिया गया। ताजा मामला जिले के रौन प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र का है, जहां घायल शख्स के पैर पर गत्ता लगाकर ऊपर से पट्टी कर दी गई। इसके बाद मरीज को जिला अस्पताल में रेफर कर दिया गया।

मरीज के साथ अस्पताल का इस तरह का रवैया कहीं ना कहीं रौन प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र की लापरवाही को को दर्शाता है। इस लापरवाही पर जिला अस्पताल भी हैरान है। जानकारी के मुताबिक, भिंड जिले के मिहोना थाना क्षेत्र के गांव अतियनपुरा में दो बाइक सवार को अज्ञात फोर व्हिलर ने टक्कर मार दी। इसकी वजह से बाइक सवार पूरन और उसके जीजा घायल हो गए और पूरन के पैर में फ्रैक्चर आ गया।

पूरन ने बताया कि हादसे के बाद दोनों को रौन सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र ले जाया गया। यहां अस्पताल प्रशासन ने मरहम-पट्टी करने के बजाय गत्ता लगाकर पट्टी कर दी और फिर उसको भिंड जिला अस्पताल रेफर कर दिया। जब पूरन जिला अस्पताल पहुंचा तो उस पर मीडिया की नजर पड़ गई। इसके बाद मीडियाकर्मियों ने पूरन से सवाल किया और उसका वीडियो भी बना लिया। इसकी जानकारी अस्पताल प्रबंधन को लगी तो उन्होंने घायल की पट्टी हटवा कर तुरंत प्लास्टर कर दिया।

इस पर जिला अस्पताल के सिविल सर्जन डॉक्टर अनिल गोयल ने फोन पर बताया, “रौन में घायल को पट्टी करने के बाद गत्ता लगा दिया था, जो टेक्निकली गलत नहीं होता है क्योंकि ऐसे मामलों में रेफर किए गए मरीज को वाहन में ले जाते समय पैर को स्टेब्लाइज कर दिया गया है। इस कारण लकड़ी या किसी भी चीज का इस्तेमाल सपोर्ट के लिए किया जा सकता है, जिससे जरूरत पूरी हो सकती है। हालांकि, सीएचसी होने की वजह से वहां कच्चा प्लास्टर करना चाहिए था, लेकिन इस परिस्थिति में भी कुछ गलत नहीं किया गया है।”

बता दें कि इससे पहले अगस्त में मुरैना जिले में एक महिला के घाव पर बैंडेज की जगह कंडोम का रैपर चिपका दिया गया था।