न सिर छुपाने के लिए छत है और न ही बैठने के लिए जगह। खाने के लिए सिर्फ नमक-रोटी है, वो भी रोज नहीं और पीने का पानी तो है ही नहीं। मध्य प्रदेश के एक स्कूल में नाली का पानी बच्चों की प्यास बुझा रहा है। मामला मीडिया में आने के बाद शासन और प्रशासन की नींद टूटी है और तुरंत कुछ अधिकारियों पर कार्रवाई कर जांच के आदेश दे दिए गए है। समाचार एजेंसी एएनआई के मुताबिक प्रदेश सरकार में मंत्री गोपाल भार्गव से इस जब इस बारे में प्रतिक्रिया मांगी गई तो उन्होंने कड़े शब्दों में कहा- जो लोग बच्चों के पोषण के साथ समझौता करते हैं, उन्हें जूतों से मारना चाहिए। क्या अधिकारी सो रहे हैं? उन्हें अपने सारे अधिकार चाहिए लेकिन अपना कर्तव्य नहीं निभाते हैं। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक छतरपुर की राजनगर विधानसभा की सूरजपुरा ग्राम पंचायत के अंतर्गत आने वाला सरकारी विद्यालय सरकार के सर्व शिक्षा अभियान की पोल खोल रहा है। सर्दी-गर्मी-बरसात, कैसा भी मौसम हो बच्चों को खुले आसमान के नीचे बैठना पड़ता है।
बच्चों से जब पूछा गया कि उन्हें मिड्डे मील मिलता है तो उन्होंने सहमते हुए पहले बताया कि रोज नहीं मिलता है, लेकिन फिर डरते हुए बोले कि रोज मिड-डे मील मिलता। लेकिन खाने में क्या मिलता है के सवाल पर जो बच्चों ने जो बताया, उसकी हकीकत जानकर कई लोग मुंह में निवाला रखने से पहले हजार बार जरूर सोचेंगे। बच्चों ने बताया कि उन्हें मिड-डे मील में नमक और रोटी मिलती है।
People who compromise with children’s nutrition must be hit with shoes. Are officers sleeping? They want all their rights but don’t perform duties: Gopal Bhargava, #MadhyaPradesh minister on children in Chhatarpur school drink canal water, eat salt & chapati in mid-day meal pic.twitter.com/0z1K1DZkUh
— ANI (@ANI) January 9, 2018
सरकार की तरफ से स्कूलों के लिए मुहैया कराई जा सारी सुविधाएं-सहूलियतें कागजों में ही दम तोड़ रही हैं। मामले पर गेस्ट टीचर संतोष अरजरिया से जब इस बारे मे सवाल किया गया तो उन्होंने बच्चों के नाली से पानी पीने की बात स्वीकारी। शिक्षक ने बताया कि बच्चे जिस नाली का पानी पीते वह दरअसल सिंचाई के लिए बनाई गई है, जिससे खेतों में पानी जाता है। उन्होंने कहा कि आसपास पीने के पानी का कोई जरिया न होने के कारण बच्चे इसका पानी पीते हैं।
महिला एवं बाल विकास मंत्री अर्चना चिटनिस ने कहा है कि गड़बड़ी के लिए जिम्मेदार लोगों को हटा दिया गया है और अब एक विशेष टीम राज्य के सभी जिलों में मिड-डे मील आदि व्यवस्था पर नजर रखेगी। कलेक्टर रमेश भंडारी ने बताया कि मामला सामने आने के बाद तुरंत एक जांच समिति का गठन कर दिया गया है। मिड-डे मील में गड़बड़ी सामने आई है। दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा।