मध्य प्रदेश में कमलनाथ सरकार ‘जय किसान ऋण मुक्ति योजना’ के तहत कर्जमाफी कर रही हैं। लेकिन सरकार द्वारा की जा रही कर्जमाफी से किसानों में काफी नाराजगी देखी जा रही है। प्रदेश में कई ऐसे किसान सामने आए हैं जिनका 13 से 30 रुपये तक का ही कर्ज माफ हुआ है, जबकि उन पर लाखों रुपए बकाया है। इसके बाद नाराज किसानों ने कहा कि जितने रुपए का कर्ज माफ हो रहा है उतने की तो हम बीड़ी पी जाते हैं। कमोबेश यही हाल खरगोन में भी देखने को मिला जहां किसान दो माह से कर्जमाफी की सूची का इंतजार कर रहे थे। लेकिन इसे देखते ही वह हैरान रह गए। सूची में किसानों का केवल 25 से 30 रुपये का कर्ज ही माफ हुआ।
दरअसल, मध्य प्रदेश में चुनाव पूर्व कांग्रेस पार्टी ने किसानों की कर्जमाफी का वादा किया था, जिसके बाद मुख्यमंत्री कमलनाथ ने प्रदेश की कुर्सी संभालते ही कर्जमाफी के फैसले पर दस्तखत किए थे। लेकिन अब कर्जमाफी को लेकर किसानों में उहापोह की स्थिति है। प्रदेश में जब कर्जमाफी के बारे में किसानों से पूछा गया तो पासबुक लेकर बैंकों और सरकारी दफ्तरों के चक्कर लगाने की बात कही।
एनडीटीवी के मुताबिक किसान शिवपाल का कहना है, ‘सरकार कर्ज माफ कर रही है तो पूरा माफ होना चाहिए। 13 रुपए और पांच रुपए माफ हो रहे हैं इतने की तो हम बीड़ी पी जाते हैं।’ किसान शिवलाल ने बताया कि सरकार ने 13 रुपए का कर्ज माफ किया है जबकि उन पर 20 हजार से ज्यादा का कर्ज है।
किसानों की एक और शिकायत है कि सूची में उनका नाम और जानकारियां अंग्रेजी में है। जिसकी वजह से उन्हें पढ़ने में परेशानी हो रही है ।इस पर बैंक अधिकारियों का कहना है कि उनके पास हिन्दी में सॉफ्टवेयर नहीं है। वहीं सरकार का कहना है कि कोई चूक हुई है तो उसे ठीक किया जाएगा। फिलहाल इस पूरे मामले के सामने आने के बाद बीजेपी ने सरकार की इस योजना को छलावा बताया है।