किडनैपिंग के बढ़ते मामलों पर मध्य प्रदेश के डीजीपी ने ऐसा तर्क दिया जिसपर विवाद खड़ हो गया। डीजीपी विजय कुमार सिंह ने कहा है कि लड़कियां अब पहले से ज्यादा स्वतंत्र हैं इसलिए किडनैपिंग के मामलों में बढ़ोतरी हुई है।
मीडिया से बातचीत में डीजीपी ने कहा ‘आईपीसी की धारा 363 में लगातार मामले बढ़ रहे हैं। लड़कियां स्कूल और कॉलेजों में जा रही हैं और वह पहले से ज्यादा स्वतंत्र हैं। ये भी मामलों के बढ़ने के पीछे की एक अहम वजह है।’
उन्होंने कहा ‘लड़कियों की लड़कों से बातचीत होती है और फिर वह घर से भाग जाती हैं। जिसके बाद माता-पिता पुलिस के पास किडनैपिंग की शिकायत लेकर आते हैं।’ डीजीपी का यह बयान ऐसे समय में आया है जब कुछ दिन पहले ही भोपाल में आठ साल की बच्ची के साथ कथित रेप और मर्डर का मामला सामने आया है। राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो के अनुसार, 2016 में मध्य प्रदेश में बच्चों के अपहरण और किडनैपिंग के कुल 6,016 मामले सामने आए थे।
डीजीपी के बयान पर राज्य के गृह मंत्री बाला बच्चन ने कहा है कि ‘सरकार की मंशा पहले से साफ है कि जिस भी थाना क्षेत्र के अन्तर्गत अपराध होगा वहां का स्टाफ और सीनियर अधिकारी इसके लिए जिम्मेदार होंगे। हम मध्य प्रदेश को सुरक्षित बनाने और अपने नागरिकों की सुरक्षा के लिए प्रतिबद्ध हैं।’
वहीं विपक्ष ने डीजीपी के इस ‘गैर-जिम्मेदाराना बयान’ की कड़ी आलोचना की है। बीजेपी के प्रवक्ता राहुल कोठारी ने कहा ‘उन्हें इस तरह के गैर-जिम्मेदाराना बयानों से बचना चाहिए। वह पुलिस विभाग के चीफ हैं। महिलाओं के खिलाफ अपराध में बढ़ोतरी हो रही है और वे इसपर कंट्रोल करने में असफल हैं। ऐसे बयान देने के बजाय उन्हें यह सोचना चाहिए कि किडनैपिंग के बढ़ते मामलों को कैसे रोका जाए।’