मध्य प्रदेश के इंदौर में फुटपाथ पर रहकर 10वीं की परीक्षा फर्स्ट डिवीजन से पास करने वाली भारती खांडेकर को इंदौर नगर निगम ने एक फ्लैट गिफ्ट किया है। भारती बेहद गरीब हैं और उनके पिता मजदूरी करते है। भारती ने फुटपाथ पर रहकर पढ़ाई की और 10वीं बोर्ड की परीक्षा में 68 फीसदी नंबर लेकर आई। जिसके बाद इंदौर नगर निगम द्वारा भारती के परिवार को प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत भूरी टेकरी पर बने फ्लैटों में से एक फ्लैट देने का निर्णय किया है।
भारती अपने परिवार के साथ इंदौर के शिवाजी मार्केट स्थित फुटपाथ पर रहती थी। उसने वहां स्ट्रीट लाइट की रोशनी में पढ़ाई की है। पास के अहिल्याश्रम स्कूल में उसका दाखिला था। वहीं, पिता दशरथ खांडेकर मजदूरी करते हैं और मां दूसरे के घरों में झाड़ू-पोछे का काम करती है। परिवार की कमाई इतनी भी नहीं थी कि कहीं कमरा लेकर रह सके। फुटपाथ किनारे ही उसकी एक झोपड़ी थी, जिसमें भारती रहती थी।
इंदौर नगर निगम द्वारा गिफ्ट किए गए फ्लैट कि जानकारी निगमायुक्त प्रतिभा पाल के निर्देश पर निगम इंजीनियर महेश शर्मा ने बुधवार को भारती के परिवार को तलाशकर उन्हें दी। फ्लैट के लिए राशि की व्यवस्था जनभागीदारी से करने की बात कही गई है। इससे पहले आयोग ने इंदौर कलेक्टर मनीष सिंह को पत्र लिखकर भारती के परिवार के लिए आवास योजना में मकान उपलब्ध कराने और जिला शिक्षा अधिकारी राजेंद्र मकवानी को मुफ्त पढ़ाई की व्यवस्था के निर्देश दिए थे।
भारती ने बताया कि उनकी झोपड़ी प्रशासन ने तोड़ दी थी। जिसके बाद वे लोग फुटपाथ पर रह रहे हैं। भारती ने कहा मैं अपने 2 छोटे भाइयों के साथ यहां पढ़ाई करती थी। पिछले 15 सालों से हमारे पिता हमें यहीं रख रहे हैं। प्रशासन ने झोपड़ी तोड़ने के बाद कुछ लोगों को रहने के लिए घर भी दिया था, लेकिन हमारे परिवार को नहीं मिला।” भारती ने कहा “मैं आईएएस अधिकारी बनने की ख्वाहिश रखता हूं। मैं इस घर को मुझे सौंपने और अपनी आगे की शिक्षा मुफ्त करने के लिए प्रशासन को धन्यवाद देना चाहूंगा।