मध्य प्रदेश में उपचुनाव से पहले Congress को एक और झटका लगा है। शुक्रवार को पार्टी विधायक सुमित्रा देवी कासदेकर ने विधानसभा से इस्तीफा दे दिया। उन्होंने प्रोटेम स्पीकर रामेश्वर शर्मा को अपना त्याग-पत्र सौंपा, जिसे स्वीकार कर लिया गया है। इस्तीफे के कुछ ही घंटों बाद वह BJP में शामिल हो गईं। राजधानी भोपाल स्थित पार्टी दफ्तर में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की मौजूदगी में उन्हें पार्टी सदस्यता दिलाई गई। हैरत की बात यह है कि हफ्ते भर में यह दूसरे कांग्रेस विधायक का इस्तीफा है। सुमित्रा से पहले प्रद्युमनसिंह लोधी ने विधायकी से त्याग-पत्र दे दिया था।

सुमित्रा, बुरहानपुर जिले की नेपानगर सीट से कांग्रेस विधायक थीं। विधानसभा के एक वरिष्ठ अधिकारी ने ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया, ‘‘महिला विधायक ने दोपहर को विधानसभा के अस्थाई विधानसभा अध्यक्ष रामेश्वर शर्मा को अपना त्यागपत्र सौंप दिया है।’’ त्यागपत्र का कारण जानने के लिये विधायक सुमित्रा देवी से संपर्क करने के प्रयास असफल रहे।

सूत्रों ने बताया कि कुछ दिन पहले बड़ा मलाहरा सीट से कांग्रेस के विधायक प्रद्युम्न सिंह लोधी ने विधानसभा की सदस्यता से त्यागपत्र दिया था। लोधी, भाजपा की वरिष्ठ नेता उमा भारती के संपर्क में थे। इस्तीफा देने के कुछ घंटों बाद ही प्रदेश सरकार ने उन्हें कैबिनेट मंत्री का दर्जा देते हुए मध्यप्रदेश राज्य नागरिक आपूर्ति निगम का अध्यक्ष नियुक्त कर दिया।

इसके भी पहले मार्च माह में 22 कांगेस के विधायक बागी हो त्यागपत्र देने के बाद भाजपा में शामिल हो गये थे। इनमें से अधिकांश सिंधिया समर्थक हैं। इसके परिणाम स्वरूप प्रदेश में 15 माह पुरानी कांग्रेस की कमलनाथ सरकार गिर गयी थी। इसके बाद 23 मार्च को शिवराज सिंह चौहान के नेतृत्व में प्रदेश में भाजपा सरकार बनी।

लोधी और सुमित्रा देवी के त्यागपत्र के बाद मध्यप्रदेश विधानसभा में कांग्रेस की ताकत घटकर 90 रह गयी है। इसके प्रकार कुल 24 विधायकों के कांग्रेस छोड़ने तथा दो विधायकों की निधन के कारण विधानसभा में वर्तमान में 26 सीटें रिक्त हो गयी हैं और विधानसभा की प्रभावी संख्या 204 हो गयी है। इसमें भाजपा के 107 विधायक हैं जबकि चार निर्दलीय, दो बसपा और एक सपा का विधायक हैं।