एक संत ने अपने प्राण त्यागने का दावा किया लेकिन जब उनकी यह बात सच साबित नहीं हुई तो बेकाबू भीड़ उनकी जान की दुश्मन बन गई। यह मामला मध्य प्रदेश के बालाघाट के हट्टा थाना क्षेत्र का है। दरअसल कबीर पंथ के सुबोध दास उर्फ बाबा मंगलदास ने मंगलवार सुबह 10 बजे समाधि लेने का दावा किया था। बाबा ने घोषणा की कि वे मानव कल्याण के लिए समाधि ले रहे हैं। सपने में उनके गुरु कबीर आए थे और उनकी इच्छा के अनुसार वे 25 जून सुबह 10 बजे प्राण त्याग देंगे।

बाबा यहां पिछले कुछ दिनों से रहकर कबीर पंथ के अनुयाई और अन्य भक्तों के बीच प्रवचन और भजन र्कीतन कर रहे थे। इसी दौरान उन्होंने यह दावा किया।

उनके इस दावे की खबर पूरे इलाके में आग की तरह फैली। आस-पास के लोग तो उनके घर के पास जुटे ही लेकिन दूर-दराज से भी हजारों की संख्यां में लोग आ पहुंचे। सभी को इस बात का इंतजार था कि बाबा का दावा सच साबित होता है या नहीं। सभा उन्हें मरता देखना चाहते थे। लेकिन जैसे ही 10 बजे और बाबा का दावा झूठा साबित हुआ तो भीड़ बेकाबू हो गई।

सुबोधदास और उनके सेवको का हाई वोल्टेज ड्रामा देखने को मिला। लोगों ने इस दौरान जमकर नारेबाजी की। भीड़ को उग्र होता देखा भारी संख्या में पुलिस बल बुलाया गया। पुलिस ने भीड़ को काबू करने की कोशिश की। इस दौरान भीड़ ढोंगी बाबा और ढोंगी संत के जोरदार नारे लगा रही थी।

पुलिस बेहद सावधानी से गुस्साई भीड़ के बीच बाबा को घर से बाहर निकालकर एक गाड़ी में ले गई। इस दौरान बेकाबू भीड़ ने पत्थबाजी भी की। इसकी वजह से पुलिस को बल प्रयोग भी करना पड़ा। गौरतलब है कि आस्था के नाम पर आये दिन बाबाओं के पाखंड देखने को मिलते हैं। बाबा भक्तों की आस्था के साथ खिलवाड़ इस तरह के दावे करते हैं जो पूरे नहीं हो पाते।