उत्तर प्रदेश सरकार के मंत्रियों ने चार साल में जनता के खजाने से करीब नौ करोड़ रुपये चाय और समोसे इत्यादि पर खर्च किए हैं। 15 मार्च 2012 से 15 मार्च 2016 के बीच में यूपी सरकार ने स्नैक्स पर 8,78,12,474 रुपये खर्च किए हैं। ये आंकड़े राज्य के सीएम अखिलेश यादव ने खुद ही विधान सभा में सार्वजनिक किए। चाय-समोसे पर खर्च करने के मामले में सबसे आगे रहे राज्य के सामाजिक कल्याण मंत्री अरुण कुमार कोरी। उन्होंने इस दौरान 22,93,800 रुपये इस मद में खर्च किए। स्नैक्स पर खर्च के मामले में दूसरे नम्बर पर रहे शहरी विकास मंत्री मोहम्मद आज़म ख़ान जिन्होंने 22,86,620 रुपये खर्च किए। महिला एवं बाल कल्याण विकास मंत्री कैलाश चौरसिया ने इस दौरान 22,85,900 रुपये खर्च किए।
हैरान कर देने वाली बात है कि सरकार द्वारा जारी आंकड़ों के हिसाब से लोक निर्माण मंत्री शिवपाल यादव ने इस दौरान चाय-समोसे पर एक रुपया भी नहीं खर्च किया। यूपी सरकार के अन्य वरिष्ठ मंत्री राम करन आर्य और जगदीश सोनकर ने भी चाय-समोसे पर चार सालों के दौरान 21 लाख रुपये से ज्यादा रकम खर्च की। मुख्यमंत्री ने विधान सभा को जानकारी दी कि नियमों के अनुसार मंत्री राज्य के अंदर प्रति दिन 2500 रुपये और राज्य के बाहर काम के दौरान 3 हजार रुपये प्रति दिन चाय-नाश्ते पर खर्च कर सकते हैं। अक्टूबर 2015 में पद से हटा दिए गए पूर्व मंत्री शिव कुमार बेरिया ने अपने कार्यकाल में 21,93,900 रुपये चाय-नाश्ते पर खर्च किए थे। महिला कल्याण (स्वतंत्र प्रभार) मंत्री सदब फातिमा ने अपने एक साल के कार्यकाल में ही इस मद में 72,500 रुपये खर्च किए हैं।
बीजेपी के प्रवक्ता हरिश्चंद्र श्रीवास्तव ने इसे “जनता के पैसे की लूट” बताते हुए कहा कि राज्य सरकार स्वास्थ्य, शिक्षा और कल्याण के कार्यक्रमों को बेहतर बनाने में विफल रही है जबकि उसके मंत्री जनता के पैसे से मेहमानों को ऐश करा रहे हैं। समाजवादी पार्टी के प्रवक्ता राजेंद्र चौधरी ने पार्टी का बचाव करते हुए कहा, “ये पैसा आधिकारिक बैठकों के लिए खर्च किया गया है और कई बार मंत्रियों के चुनाव क्षेत्र से बड़ी संख्या में लोग मिलने आते हैं। मंत्री के स्टाफ जरूरी औपचारिकताएं निभाते हैं।”

