पुलिस ने शाहीन हत्याकांड का खुलासा करते उसके पिता को उसकी हत्या करने के आरोप गिरफ्तार किया है। पुलिस ने बताया कि अपनी बेटी की गला घोंट कर हत्या कर दी थी और आरोप ससुरालवालों पर लगाते हुए सात लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया था। पुलिस के इस सनसनीखेज खुलासा से निर्दोष ससुरालीजन कानून की कड़ी पहरेदारी से बच गए और हत्यारा पिता जेल की सालाखों के पीछे पहुंच गया।
पुलिस कप्तान ने खुलासा करने वाली टीम का हौसला अफजाई करते हुए दो हजार रुपए का नगद पुरस्कार देने की घोषणा किया। गौरतलब है कि चांदपुर थाना क्षेत्र के गौरी-औंरा गांव निवासी निजामुद्दीन उर्फ मिरचइया ने अपनी पुत्री शाहीन की शादी गांव के रहने वाले अली हुसेन के पुत्र रहीम के साथ 2010 में की थी। कुछ दिन बाद उसने पुत्री को ससुराल भेजने से रोक दिया। पुत्री पति के साथ रहना चाहती थी, लेकिन पिता के दबाव में आकर उसने ससुरालवालों पर दहेज उत्पीड़न का मुकदमा दर्ज कराया, जो न्यायालय में विचाराधीन है। इधर 2015 में ससुराल बीच विदा कराने के लिए आए देवर को भी बेहरम बाप ने मारा-पीटा था। घायल हुए बेटी के देवर ने उसका मुकदमा थाना में दर्ज कराया था। यह बाद भी अदालत में विचाराधीन है।
बेटी के अदालत में चल रहे दहेज उत्पीड़न के वाद की तीन सितंबर को तारीख थी। उसने इस तारीख में बेटी की हत्या कर ससुरालवालों को फंसाने की योजना बनाई। घटना को अंजाम देने के लिए उसने अपने दो साथियों दशरथ वर्मा पुत्र राजाराम वर्मा निवासी सीतापुर थाना बिंदकी व छोटे लाल उर्फ बाबा पुत्र रघुनाथ वर्मा निवासी इब्राहिमपुर पड़री थाना चांदपुर को साथ लिया। अदालत से वापस जाते समय उसने पुत्री शाहीन को दशरथ के नलकूप में रखा और देर शाम उसे लेकर गौरी-औरा गांव के समीप पहुंचे। पिता ने यहां पर बेटी का गमछा से गला घोंट कर हत्या कर दिया।और शव को गांव के किनारे फेंक दिया।