उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में एप्पल के एरिया सेल्स मैनेजर की पुलिस कॉन्स्टेबल द्वारा गोली मारकर हत्या कर दिए जाने की घटना की जांच के लिए एसआईटी का गठन कर दिया गया है। लखनऊ के एसएसपी कलानिधि ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस कर घटना की जानकारी दी और बताया कि इस घटना में आरोपी पुलिसकर्मियों के खिलाफ हत्या का मामला दर्ज कर दोनों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया है। एसएसपी ने बताया कि इस मामले में दोनों पुलिसकर्मियों की लापरवाही के पुख्ता सबूत मिले हैं। इसके साथ ही एसएसपी ने बताया कि सना, जोकि इस घटना की चश्मदीद गवाह है, मीडिया से बात करने के लिए आजाद है और उस पर किसी तरह का कोई दबाव नहीं है। बता दें कि इससे पहले घटना की चश्मदीद गवाह सना से जब मीडिया से बात करने की कोशिश की गई तो उन्होंने इस मुद्दे पर कोई बात नहीं की और खुद के सदमे में होने का हवाला देकर सभी सवाल टाल दिए थे। इसके बाद सना पर पुलिस दबाव की खबरें आनी शुरु हो गईं थी। हालांकि अब पुलिस ने इससे इंकार किया है।

एसएसपी कलानिधि नैथानी ने बताया कि एसपी क्राइम के नेतृत्व में गठित एसआईटी इस मामले की जांच करेगी। साथ ही मैंने खुद जिला मजिस्ट्रेट से अपील की है कि इस घटना की मजिस्ट्रेट जांच हो। वहीं दूसरी तरफ इस मुद्दे पर विपक्षी पार्टियां राज्य सरकार पर हमलावर हो गई हैं। उत्तर प्रदेश विधान परिषद में कांग्रेस नेता दीपक सिंह ने विवेक तिवारी हत्याकांड में राज्यपाल को एक पत्र लिखा है। इस पत्र में वर्तमान घटना समेत पहले के सभी संदिग्ध एनकाउंटर्स की जांच की सीबीआई या फिर हाईकोर्ट के जज द्वारा न्यायिक जांच कराने की मांग की है।

बता दें कि शुक्रवार की रात एप्पल के एरिया सेल्स मैनेजर विवेक तिवारी देर रात ऑफिस से अपनी सहकर्मी सना को उसके घर छोड़ने जा रहे थे। इसी दौरान रास्ते में पुलिसकर्मियों ने उनकी गाड़ी को रोकने की कोशिश की। बताया जा रहा है कि पुलिसकर्मियों के रोकने के बावजूद विवेक तिवारी ने गाड़ी नहीं रोकी। इस पर पुलिसकर्मियों को कुछ संदिग्ध लगा और उन्होंने फायरिंग कर दी। इस पर गोली विवेक तिवारी के सिर में लगी और इससे उनकी गाड़ी असंतुलित होकर एक दीवार से जा टकरायी। इसके बाद पुलिसकर्मी विवेक तिवारी को लेकर अस्पताल पहुंचे, जहां इलाज के दौरान उनकी मौत हो गई।