लोकसभा में बुधवार को सभी राजनीतिक दलों के सदस्यों ने एक स्वर से मीडिया और सोशल मीडिया की जवाबदेही तय करने के लिए लोकसभा में विधेयक लाने की मांग की। यह मांग इंटरनेट पर एक महिला सांसद के बारे में दुष्प्रचार सामग्री पोस्ट किए जाने और हरियाणा के जाट आंदोलन के दौरान मुरथल में महिलाओं के साथ कथित सामूहिक बलात्कार की मीडिया रिपोर्टों के संदर्भ में उठीं।

विधि मंत्री डीवी सदानंद गौड़ा ने भाजपा की अंजु बाला, राजद के पप्पू यादव और इंडियन नेशनल लोकदल के दुष्यंत चौटाला द्वारा इस संबंध में मुद्दे उठाने पर कहा कि निश्चित ही यह बेहद गंभीर मामला है जो सदन के साथ ही सरकार के संज्ञान में भी लाया गया है।

गौड़ा ने सदस्यों का आश्वासन दिया कि सरकार इस मामले में कड़ी कार्रवाई करेगी। शुरुआत में अंजुबाला ने अपने साथ पेश आए वाक्ये का ब्योरा दिया जिसमें इंटरनेट पर विकीपीडिया में उनके बारे में गलत सूचनाएं पोस्ट की गई हैं। अंजुबाला ने कहा कि विकीपीडिया पर उनके बारे में कहा गया है कि उन्होंने दो शादियां की और उनका 3 मार्च, 2016 को नई दिल्ली में निधन हो गया है।

भाजपा सदस्य ने सोशल मीडिया पर कार्रवाई करने की मांग करते हुए कहा कि जब एक सांसद को घर बैठे इस प्रकार बदनाम किया जा सकता है तो आम महिलाएं किस प्रकार सुरक्षित महसूस करेंगी। उन्होंने कहा कि उनके खिलाफ फेसबुक पर भी आपत्तिजनक टिप्पणियां की गई हैं। उन्होंने ऐसे वेबसाइट पर सख्त कार्रवाई और प्राथमिकी दर्ज किए जाने की मांग की।

स्पीकर सुमित्रा महाजन ने अंजुबाला मामले का संज्ञान लेते हुए कहा कि यह वास्तव में गलत है और आठ मार्च को ही हमने अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस मनाया है और इस प्रकार की घटनाएं नहीं होनी चाहिए। राजद के पप्पू यादव ने भी जेएनयू, रोहित बेमुला आत्महत्या मामले, और मुरथल मामले की पृष्ठभूमि में कहा कि इलेक्ट्रोनिक मीडिया को गंभीर और जिम्मेदार माना जाता है लेकिन इन पिछली घटनाओं ने साबित कर दिया कि मीडिया भी वामपंथ या दक्षिणपंथ में बंटा हुआ है और कोरपोरेट घरानों द्वारा संचालित ये चैनल अपनी अपनी विचारधारा से जनता का जनमत तैयार कर रहे हैं और देश तथा समाज को तोड़ रहे हैं।

लिहाजा संसद को इस मामले में गंभीर होने की जरूरत है। मीडिया और सोशल मीडिया की जवाबदेही तय करने के लिए सदन में कोई विधेयक लाया जाना चाहिए। इस पर विधि मंत्री गौड़ा ने कहा कि सरकार ने मामले का संज्ञान लिया है और सरकार कड़ी कार्रवाई करेगी। दुष्यंत चौटाला ने जाट आंदोलन के दौरान हरियाणा के मुरथल में महिलाओं के साथ कथित सामूहिक बलात्कार की रिपोर्ट प्रमुख समाचारपत्र द्वारा प्रकाशित किए जाने और पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय द्वारा इसका संज्ञान लेने तथा उसके बाद प्रिंट एवं इलेक्ट्रोनिक मीडिया में बार बार इस प्रकार की रिपोर्ट प्रकाशित किए जाने का मुद्दा उठाया।

उन्होंने कहा कि प्रशासन कई बार कह चुका है कि ऐसी कोई घटना वहां नहीं हुई लेकिन उसके बावजूद मीडिया दुष्प्रचार कर रहा है। चौटाला ने सूचना और प्रसारण मंत्रालय से ऐसी गलत खबर प्रकाशित करने वाले समाचारपत्रों पर कड़ी कार्रवाई करने की मांग की।