चुनाव के दौरान फर्जी वोटिंग एक बड़ा मुद्दा होता है। कई तरह से लोग बूथ पर पहुंचते हैं और आसानी से फर्जी वोट कास्ट कर आते हैं। ऐसे में बुर्का पहन कर वोट देने आने वाली महिलाओं को लेकर भी सवाल उठाए जाते रहे हैं। यह कहा जाता रहा है कि बुर्के से पहचान करना मुश्किल हो जाता है और कई महिलाएं फर्जी वोट डाल आती हैं।

भाजपा अल्पसंख्यक प्रकोष्ठ के प्रदेश अध्यक्ष कुँवर बासित अली ने जानकारी दी है कि पहले चरण के मतदान से पहले मुजफ्फरनगर में ऐसी टीम तैयार किए जाने की योजना पर काम जारी है जो इन फर्जी वोटों को पड़ने से रोक सके। इन टीमों में मुस्लिम महिलाओं का शामिल किया जाएगा।

क्यों पड़ी इसकी ज़रूरत?

कुँवर बासित अली ने इसके जवाब में बताया कि पोलिंग बूथ पर मौजूद किसी पुरुष ऐजेंट द्वारा महिलाओं के चेहरे से नकाब हटाकर नहीं देखा जा सकता है इसलिए बीजेपी ने खास रणनीति तैयार की है। मुस्लिम इलाकों में पड़ने वाले बूथ पर बीजेपी मुस्लिम महिलाओं की एक बड़ी टीम तैयार कर रही है। जिसकी ज़िम्मेदारी यह होगी कि वह फर्जी वोट डालने आ रही महिला मतदाताओं पर खास ध्यान रखेंगी।

क्या है बीजेपी का पूरा प्लान?

भाजपा अल्पसंख्यक प्रकोष्ठ के प्रदेश अध्यक्ष कुँवर बासित अली ने इन समितियों के महत्व पर प्रकाश डालते हुए कहा, “एक-बूथ समिति में मुस्लिम महिलाओं सहित 11 सदस्य हैं, जो मतदान के दिन फर्जी मतदाताओं की जांच करेंगे।”

कुँवर बासित अली ने बताया कि 19 अप्रैल को पहले चरण में मतदान वाले क्षेत्रों को प्राथमिकता देते हुए मुजफ्फरनगर में मतदान केंद्रों के लिए बूथ पैनल स्थापित किए गए हैं। अली ने फर्जी मतदान से निपटने के लिए ऐसे मुस्लिम आबादी वाले क्षेत्रों को टारगेट करते हुए राज्य भर में लगभग 20,000 बूथ समितियां बनाने की योजना पर के बारे में भी बताया है।