फुटबॉलर प्रसून बनर्जी क्या जीत की हैट्रिक लगाने में कामयाब होंगे? कोलकाता से सटी प्रतिष्ठित हावड़ा सीट पर दीदी यानी ममता बनर्जी ने अंतरराष्ट्रीय फुटबॉलर रहे प्रसून पर लगातार तीसरी बार भरोसा जताया है। प्रसून ने तृणमूल कांग्रेस के पूर्व सांसद अंबिका बनर्जी के निधन के बाद वर्ष 2013 के उपचुनाव में पहली बार यह सीट जीती थी। उसके साल भर होने वाले चुनाव में उनकी जीत का अंतर काफी बढ़ कर 1.97 लाख हो गया लेकिन पार्टी को मिले वोटों में चार फीसदी गिरावट दर्ज की गई थी।
दूसरी ओर, वर्ष 2013 के उपचुनाव में यहां उम्मीदवार खड़ा नहीं करने वाली भाजपा अगले साल यानी 2014 में हुए चुनाव में मैदान में उतरी थी और उसे लगभग 22 फीसद वोट मिले थे। पार्टी ने अबकी जाने-माने पत्रकार रंतीदेव सेनगुप्ता को उम्मीदवार बनाया है। उनके समर्थन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से लेकर भाजपा अध्यक्ष अमित शाह तक चुनावी रैलियां कर चुके हैं। रंतीदेव को अबकी अपनी जीत का पूरा भरोसा है। वे कहते हैं कि प्रसून बनर्जी एक जाने-माने अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ी हो सकते हैं, लेकिन फुटबॉल और राजनीति दोनों अलग चीजें हैं। रंतीदेव कहते हैं कि हावड़ा के लोग अबकी बदलाव चाहते हैं। कोलकाता से सटे होने के बावजूद यहां अब तक विकास की दिशा में कोई ठोस काम नहीं हुआ है। उनका कहना है कि निवर्तमान सांसद ने अपने इलाके के लिए कुछ भी नहीं किया है। उन्होंने कभी भारत के शेफील्ड के तौर पर मशहूर रहे हावड़ा के सैकड़ों बीमार लघु व मध्यम उद्योगों की हालत सुधारने की कोई पहल नहीं की है।
एक स्थानीय बांग्ला दैनिक में पत्रकार के तौर पर सेनगुप्ता को ममता बनर्जी का समर्थक माना जाता था। लेकिन दो साल पहले रिटायर होने के बाद अब ममता से उनका मोहभंग हो चुका है। वे कहते हैं कि ममता भी वामपंथियों की राह पर चलने लगी हैं। दूसरी ओर, प्रसून का दावा है कि उन्होंने अपने कार्यकाल में मुख्यमंत्री की प्रेरणा से इलाके के विकास के लिए कई योजनाएं शुरू की हैं। वे सांसद विकास निधि से शुरू हुई परियोजनाओं का भी जिक्र करते हैं। प्रसून का दावा है कि पिछली बार वे लगभग दो लाख वोटों के अंतर से जीत थे। अबकी यह अंतर और बढ़ेगा। उधर माकपा उम्मीदवार सुमित्रा अधिकारी कहती हैं कि हावड़ा के लोग तृणमूल कांग्रेस से आजिज आ चुके हैं। इसके साथ ही धर्म के नाम पर राजनीति करने वाली भाजपा को भी यहां ज्यादा समर्थन नहीं मिलेगा। ऐसे में माकपा ही बेहतर विकल्प है। इस सीट की अहमियत समझने के लिए इतना ही काफी है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, भाजपा अध्यक्ष अमित शाह और मुख्यमंत्री ममता बनर्जी इस इलाके में कई रैलियां कर चुके हैं।
