बिहार में कोरोनावायरस संक्रमण का खतरा लगातार विकराल होता जा रहा है। यहां पिछले कुछ दिनों से लगातार 1500 से 2000 के बीच केस सामने आ रहे हैं। संक्रमितों की सबसे बड़ी संख्या राजधानी पटना में मिली है। यहां कोरोना के करीब 5000 मरीज हैं। वहीं दूसरा नंबर भागलपुर का है, जहां दो हजार से ज्यादा लोग पॉजिटिव पाए गए हैं। इसके बावजूद बिहार में अभी तक लोगों में मास्क और सोशल डिस्टेंसिंग के प्रति जागरुकता नहीं आई है। भागलपुर में तो लोग अब तक ठीक ढंग से मास्क नहीं पहन रहे और पुलिस के रोकने पर भी पुराने मेडिकल प्रिस्क्रिप्शन के पर्चे दिखाकर बचने की जुगत लगा रहे हैं।
आलम यह है कि राज्य में दो हफ्ते के लॉकडाउन (16 जुलाई से 31 जुलाई) के बीच भी सड़कों पर अच्छी खासी भीड़ हो रही है। भागलपुर में तो यह लॉकडाउन प्रशासन की तरफ से 9 जुलाई को ही लगा दिया गया था। पर लॉकडाउन के बावजूद ज्यादातर दुकानें खुल रही हैं। गाड़ियों की चेकिंग में लगे पुलिसकर्मी भी सिर्फ दोपहिया वाहनों को ही रोकते दिखाई दे रहे हैं, जबकि बड़ी कारें आसानी से निकल जा रही हैं। कई मोटरसाइकिल चलाने वाले लोग तो पुलिस के रोकते ही दवाओं के पुराने पर्चे निकाल लेते हैं। ऐसे ही एक दोपहिया चालक ने पुलिस को जनवरी में लिखा हुआ प्रिस्क्रिप्शन दिखाकर बचने की भी कोशिश की। हालांकि, इंस्पेक्टर इंचार्ज केके शर्मा ने पर्चा देखने के बाद मोटरसाइकिल चलाने वाले को डांटते हुए उस पर जुर्माना लगाने का आदेश दे दिया।
‘द इंडियन एक्सप्रेस’ ने भागलपुर की चार अलग-अलग मुख्य जगहों पर लॉकडाउन की निगरानी की। जहां तिलका मांझी चौक पर पुलिस मास्क पहनकर ट्रैफिक का प्रबंधन तो कर रही है, लेकिन दोपहिया वाहनों को छोड़कर बेहद कम चार पहिया गाड़ियों को ही रोका जा रहा है। मोटरसाइकिल चलाने वाले ज्यादातर लोग भी दवा के पर्चे दिखाकर आसानी से निकल जाते हैं। यहां तक की इलाके के आसपास कई चाय और पान-मसाले की दुकानें भी खुली ही हैं, जबकि लॉकडाउन में सिर्फ आवश्यक सेवा से जुड़ी दुकानें खुलने की ही छूट है। इस बीच पुलिस का कहना है कि लोगों के मास्क पहनने की दर तो बढ़ी है, लेकिन वे इसे गले के आसपास लगाए रहते हैं और पुलिस देखते ही ऊपर चढ़ा लेते हैं।
दूसरी तरफ कचहरी चौक में पुलिस की सख्ती थोड़ी ज्यादा दिखाई दी। दरअसल, यहीं पर डीएम कार्यालय भी है। ऐसे में पुलिसकर्मी चालान की दो बुकलेट लिए दिखे। एक बुकलेट कोविड नियंत्रण रसीद की है, जिसमें नीचे संदेश के तौर पर लिखा है- “मास्क पहनिए काम पर चलिए।” वहीं दूसरी बुकलेट मोटर व्हीकल एक्ट के तहत चालान लगाने के लिए है। यहां खड़े पुलिसकर्मियों ने सुबह से सिर्फ एक 50 रुपए का जुर्माना ही लगाया। हालांकि, इस इलाके में बिहार फायर सर्विस के ट्रक लगातार सैनिटाइजेशन में लगे हैं। कुछ दिनों पहले ही जिले के डीएम भी कोरोना पॉजिटिव पाए गए हैं।
दो अन्य इलाकों- घंटाघर चौक और वैराइटी चौक पर भी लोगों की अच्छी-खासी भीड़ दिखाई दी। यहां दुकानदारों के साथ लोग भी अच्छी संख्या में खरीदारी करते दिखे। पुलिस के ज्यादातर जवान भी घंटाघर चौक में कुर्सियों में ही बैठे दिखाई दिए। न ही इन जगहों पर वाहनों की चेकिंग दिखाई दी और न ही लोगों के मास्क और सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करने की। यहां सड़कों पर 19 फल बेचने वाले जुटे रहे, लेकिन इनमें सिर्फ 6 के ही चेहरे पर मास्क दिखाई दिया। दूसरी तरफ वैराइटी चौक पर भी बड़ी संख्या में दुकानें खुली दिखाई दीं। बड़ी संख्या में लोग बिना मास्क के भी दिखे।