दिल्ली जल बोर्ड की नाकामी की वजह से पानी शहर के विभिन्न इलाकों में पानी का अभाव है। कहीं पानी के टैंकर नहीं पहुंचते तो कहीं, जहां पहुंचते हैं वहां पानी की सप्लाई पर्याप्त नहीं। इस समस्या और सरकार की नाकामी का फायदा उठाकर टैंकर माफिया अपना अवैध कारोबार फैलाने और चलाने में सफल हो रहे हैं। और लोगों से वसूल रहे हैं मनमाना पैसा। समस्या का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि संगम विहार में बीते दिन पानी के टैंकर माफियाओं के बीच जमकर मारपीट हुई। यह मारपीट इलाके में दो पानी माफियाओं के बीच पानी बेचने के वर्चस्व और मनमाना पैसा वसूलने को लेकर हुई थी।
स्थानीय लोगोें का कहना है कि इस तरह की लड़ाइयां यहां अक्सर होती रहती हैं। टैंकर माफिया सरकार का नाकामी का लाभ उठा रहे हैं और बोरबेल लगाकर पानी उपलब्ध कराने का अवैध कारोबार चला रहे हैं। संगम विहार में करीब एक दर्जन टैंकर माफियाओं की दुकानें चल रहीं हैं। जो सरकार की नजर के धूल झोंक कर लोगों का खून चूस रहे हैं। संगम विहार अकेली ऐसी जगह नहीं है जहां पानी की दिक्कत है। मयूर विहार, चिल्ला गांव, दिल्ली नोएडा बार्डर के वसुंधरा एंक्लेव से सटे कोंंडली गांव, मयूर विहार, फेस तीन से सटे घरौली गांव, गाजीपुर गांव में भी पानी की समस्या विकाराल होती जा रही है। सुबह से शाम तक पानी के लिए हाहाकार मचा रहता है।
यहां के लोग दिल्ली सरकार के टैंकर पर पीने के पानी के लिए निर्भर हैं। स्थानीय लोगों ने बताया कि पानी का सरकारी टैंकर पूरे दिन में केवल एक बार आता है। जो आता है वो भी यहां की आबादी के लिहाज से काफी कम होता है। पानी के लिए घंटों लाइन लगाने के बावजूद लोग खाली बाल्टी लेकर घर पहुंचने को मजबूर हैं। ऐसे में कुछ को पानी मिलता है तो कुछ को पानी माफियाओं से पानी खरीद कर काम चलाना पड़ता है।
आलम यह है कि इलाके में पानी और बिजली दोनों की समस्या की वजह से सरकार के काम-काज को लेकर गुस्सा है। यमुना विहार, सीलमपुर, शाहदरा, मौजपुर, भजनपुरा, करावलनगर से लेकर गीता कालोनी, गांधीनगर, लक्ष्मीनगर, पांडवनगर, पटपड़गंज, त्रिलोकपुरी, खिचड़ीपुर और कल्याणपुरी में पीने के पानी और बिजली का संकट है।