भारत जब विकसित बनने के सपने देख रहा है, जब सरकार ने 2047 के लिए पूरा रोडमैप तैयार कर लिया है, यहां लोगों को पेट भर खाना मिलना भी एक चुनौती है। चेन्नई में एक मजदूर की सिर्फ इसलिए मौत हो गई क्योंकि उसके पास खाना खरीदने के पैसे नहीं थे। वो 6 दिनों तक रेलवे स्टेशन पर भूखा तड़पता रहा, किसी ने कोई मदद नहीं की और अब उसकी मौत हो गई।

एक धोखा, कीमत- मजदूर की चली गई जान

द हिंदू की रिपोर्ट के मुताबिक पश्चिम बंगाल से कुल 12 किसान तमिलनाडु आए थे। उन्हें बताया गया था कि खेती का अच्छा काम यहां मिल जाएगा, रोज के 300 रुपये देने की बात भी हुई थी। लेकिन जिस वादे को सच मानकर यह किसान बंगाल से चेन्नई चले गए, वहां जाकर पता चला कि उनके साथ धोखा हुआ। नौकरी उन्हें मिली ही नहीं और जेब में पैसे थे नहीं। इसी वजह से ना खाना खरीद पाया, ना खुद के लिए सर पर छूत खोज पाए।

पुणे के बावधन बुद्रुक गांव में हेलीकॉप्टर हुआ क्रैश

6 दिन तक खाने की तलाश, भूख की तड़प

अब इन किसानों ने रेलवे स्टेशन पर रहकर खुद के लिए छत का इंतजाम तो किया, लेकिन पेट भरने के लिए खाना कही से नहीं मिला। जेब में एक पैसा नहीं था और कोई मदद करने के भी आगे नहीं आया। इसी वजह से 6 दिनों बाद एक मजदूर की मौत हो गई, एक गंभीर हालत में अस्पताल में भर्ती है। बताया जा रहा है कि दूसरे किसानों को भी प्रशासन ने अब जाकर रेस्क्यू किया है। मृतक मजदूर की पहचान समर खान के रूप में हुई है।

मजदूर वापस जाना चाहते थे बंगाल

एक रिपोर्ट में तो यहां तक कहा गया है कि इन मजदूरों ने खाने से ज्यादा वापस बंगाल जाने में दिलचस्पी दिखाई थी। इसी वजह से उनकी तरफ से लोगों से पैसे मांगे गए। इनका प्लान था कि टिकट के पैसे इकट्ठा कर वापस बंगाल चले जाएंगे। लेकिन वो उस ट्रेन में कभी चढ़ ही नहीं पाए क्योंकि भुखमरी ने उनके एक साथी की रेलवे स्टेशन पर ही जान ले ली। दूसरा साथी उनका बेहोश हो गया और बाकी की हालत भी काफी खराब रही। अब यह कोई पहली बार नहीं है जब भुखमरी से किसी गरीब की जान गई हो। इस देश में कई ऐसे राज्य हैं जहां पर आज भी लोग दो वक्त के खाने के लिए भी काफी संघर्ष कर रहे हैं। सरकार योजनाएं चला रही है, लेकिन जमीन पर कितना असर, सवाल इसी बात का है।