सेना ने रविवार को कहा कि शनिवार को उत्तरी कश्मीर के कुपवाड़ा जिले में एक मुठभेड़ में मारे गए सभी पांच आतंकी विदेशी थे और लश्कर-ए-तैयबा के सदस्य थे। श्रीनगर स्थित चिनार कोर के जनरल आॅफिसर कमांडिंग (जीओसी) लेफ्टिनेंट जनरल सतीश दुआ ने यहां संवाददाताओं से कहा, ‘हमने उनसे जो हथियार और दूसरे उपकरण बरामद किए, उनसे पता चलता है कि वे लश्कर-ए-तैयबा के सदस्य थे।’

सेना के कमांडर मुठभेड़ में शहीद हुए दो जवानों को पुष्पांजलि अर्पित करने के बाद मीडिया से बात कर रहे थे। जीओसी ने कहा कि हालांकि इसका पता लगाया जा रहा है कि क्या आतंकियों के समूह ने हाल में घुसपैठ की थी। उन्होंने कहा, ‘इस बात की जांच की जा रही है कि क्या यह नया समूह था। उपकरणों का विश्लेषण करने के बाद ही हम कुछ बता पाएंगे।’ सेना के कमांडर ने कहा कि सेना को इलाके में आतंकियों की मौजूदगी की खुफिया सूचनाएं मिल रही हैं।

उन्होंने कहा, ‘हमें इलाके में आतंकियों की मौजूदगी की खुफिया सूचनाएं मिल रही हैं और हमने इस आधार पर दूसरे सुरक्षा बलों के साथ अभियान शुरू किए हैं।’ जीओसी ने सवालों का जवाब देते हुए कहा कि कश्मीर में अब आतंकी संगठन जैश ए मोहम्मद (जेईएम) की शायद ही कोई मौजूदगी है। उन्होंने कहा, ‘जेईएम के शीर्ष नेता आदिल पठान को पिछले साल मार गिराया गया था। तब से घाटी में जेईएम की कोई मौजूदगी नहीं है। शायद उत्तर कश्मीर में एक या दो (आतंकी) हों।’
जीओसी ने कहा, ‘जेईएम ने पिछले साल तंगधार में दो बार हमले की कोशिश की थी। लेकिन दोनों ही मौकों पर उन्हें मार गिराया गया।’

जिले के चौकीबल इलाका में मरसेरी गांव स्थित एक घर में आतंकवादियों के एक समूह के छिपे होने की गुप्त सूचना के बाद शुक्रवार शाम अभियान शुरू किया गया था, जिसमें पांच आतंकी मारे गए और दो जवान शहीद हो गए। सेना ने बताया कि अभियान के दौरान एक मेजर सहित सेना के चार कर्मी घायल हो गए। सभी का एक सैन्य अस्पताल में इलाज किया जा रहा है।