Kumbh Mela 2019 : शाही स्नान के पहले सभी अखाड़े तय धार्मिक रीति-रिवाज का पालन करते हैं, लेकिन भाषा और क्षेत्रीयता के लिहाज से कुंभ में कई दिलचस्प रंग नजर आ रहे हैं। इनमें से एक रंग गुजरात के बनासकांठा से आए श्रद्धालुओं के जत्थे ने दिखाया।
स्नान घाट पर रास रचा रहे थे श्रद्धालु : हम संगम तट पर पहुंचे तो एक जत्था स्नान घाट पर पहुंचने की खुशी में रासलीला कर रहा था। आसपास मौजूद लोग भी उनकी इस खुशी में शरीक होते नजर आए। बातचीत के दौरान इस जत्थे में शामिल एक सदस्य लिंबू भाई माठिया ने बताया कि हम श्रीकृष्ण की नगरी द्वारका से आए हैं। नृत्य के बारे में उन्होंने बताया कि अपने भगवान को प्रसन्न करने के लिए यह हमारा प्रयास है।
गुरु के साथ गुजरात से आए थे श्रद्धालु : लिंबू भाई माठिया ने बताया कि वे बनासकांठा के महामंडलेश्वर स्वामी घनश्याम पुरी के साथ गुजरात से आए हैं। उनके साथ करीब 500 शिष्यों का जत्था प्रयागराज आया हुआ है। माठिया के मुताबिक, गुरु के आने में कुछ देर होने के कारण कुछ पुरुष और महिलाएं रासलीला खेल रहे थे। आसपास के लोग इसे देखकर चौंके, लेकिन उनके भक्तिभाव को देख हर कोई मंत्रमुग्ध हो गया।
खुशी में रोने लगे श्रद्धालु : लिंबू भाई ने बताया कि हम रास रचा रहे हैं और शिव स्तुति भी करेंगे। यह हमें नई ऊर्जा देगा। वहीं, गंगा स्नान के बाद काफी युवाओं ने अपने माता-पिता के पैर छूकर आशीर्वाद लिया। परिवार के बुजुर्गों को गंगा स्नान कराने के बाद कई लोग इतने भावुक हो गए कि एक-दूसरे से लिपटकर रो पड़े। कुछ लोगों ने बुजुर्गों को स्नान कराने के बाद उन्हें माला पहनाकर शगुन भी दिया।