आज (गुरुवार) प्रयागराज में आम श्रद्धालुओं के दर्शन के लिए अक्षयवट को खोल दिया गया। बता दें इस खास मौके पर उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ खुद प्रयागराज पहुंचे हैं। योगी ने खुद भी अक्षयवट की परिक्रमा की। इसके साथ ही श्रीपंचायती अखाड़ा नया उदासीन की पेशवाई भी निकाली जाएगी। वहीं राज्यपाल सांस्कृतिक ग्राम, ग्राम कला का उद्घाटन करेंगे। बता दें प्रयागराज पहुंचे योगी ने खुशरोबाग प्रयागराज में पुनरोद्धार कार्यों का उद्घाटन भी किया।
सरस्वती कूप के दर्शन: बता दें आज अपने दौरे में सीएम योगी सरस्वती कूप के भी दर्शन करेंगे। इसके साथ ही वो सरस्वती मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा समारोह में भी हिस्सा लेंगे। यहां वो सेना के पुजारी के साथ पूजा पाठ भी कराएंगे। वहीं योगी कूप में कराए गए विकास कार्यों का लोकार्पण करेंगे। इसके अलावा योगी अरैल क्षेत्र स्थित त्रिवेणी पुष्प जाएंगे। जहां वो संस्कृति विभाग के चित्रों की प्रदर्शनी का शुभारंभ कर अवलोकन भी करेंगे।
A historic day for nation !
Hon’ble CM UP Sri Yogi Adityanath inaugurates the #Akshayvat at #Kumbh for public access and darshan. #YogiInKumbh #KumbhMelaPolice#SurakshitKumbh pic.twitter.com/3q8xfDU2AE
— Kumbh Mela Police UP 2019 (@kumbhMelaPolUP) January 10, 2019
अक्षयवट का महत्व: अभिलाषा ने कहा कि अक्षयवट के दर्शन करने का सुख पूरी दुनिया में सिर्फ चार जगह ही मिलता है जहां कुंभ का आयोजन होता है। कई सालों से अक्षयवट किले में बंद था लेकिन इस बार यहां आने वाला हर भक्त त्रिवेणी में स्नान करने के बाद अक्षयवट के दर्शन का सौभाग्य भी प्राप्त कर सकेगा। दरअसल ऐसा कहा जाता है कि अक्षयवट में हर इच्छा पूरा करने की शक्ति है।
Hon’ble CM UP Sri Yogi Adityanath inaugurates the #Akshayvat at #Kumbh for public access and darshan.
Hon’ble CM worshipped the #Akshayvat and performed parikrama. #YogiInKumbh #KumbhMelaPolice #SurakshitKumbh #kumbh2019 pic.twitter.com/WAcGgKFe46
— Kumbh Mela Police UP 2019 (@kumbhMelaPolUP) January 10, 2019
क्या कहती हैं पौराणिक कथाएं: पौराणिक कथाओं के मुताबिक जब संत मार्कंडेय ने भगवान नारायण से अपनी शक्ति के प्रदर्शन के लिए कहा था तो एक पल के लिए उन्होंने सारे विश्व को जल में समा दिया। लेकिन जब पूरा विश्व जलमग्न था तब भी अक्षयवट का ऊपरी भाग दिखाई दे रहा था।
सरस्वती कूप के भी होंगे दर्शन : इस बार न सिर्फ अक्षयवट के दर्शन हो सकेंगे बल्कि इसके साथ ही सरस्वती कूप के भी दर्शन संभव होंगे। मान्यताओं के मुताबिक सरस्वती कूप पृथ्वी का सबसे पवित्र कुआं है। मान्यता है कि संगम जो अदृश्य सरस्वती है वो इस ही कूप में वास करती हैं। उत्तर प्रदेश सरकार के मुताबिक ऐसा पहली बार होगा जब श्रद्धालु शहर में जल मार्ग, थल मार्ग और हवाई मार्ग से आ पाएंगे।