उत्तर प्रदेश का लखीमपुर खीरी जिला आजकल काफी चर्चा में है। बताया जा रहा है कि यहां की जमीन पिछले 4 दिन से ‘शोले’ उगल रही है। दरअसल, जिले में मोहम्मदी गांव में मूडा निजाम से सटे जंगल के जमुनिया में करीब एक बीघा जमीन पर आग लगी हुई है। इस जमीन से लगातार धुआं उठ रहा है। ग्रामीणों का कहना है कि जब से यह घटना सामने आई है, लोगों ने उस इलाके में जाना छोड़ दिया है। वहीं, मामले की जानकारी मिलने के बाद तहसीलदार भी मौके पर पहुंचे और हालात का जायजा लिया।
यह है मामला: लखीमपुर खीरी में रहने वालों ने बताया कि जमुनिया घाट एरिया में करीब एक बीघा जमीन पर पिछले 4 दिन से आग लगी हुई है। उन्होंने बताया कि 4 दिन पहले जमीन से सिर्फ धुआं निकल रहा था। इसके बाद आग लग गई, जिससे लोगों में डर का माहौल है। लोगों में खौफ बढ़ा तो मोहम्मदी के तहसीलदार विकाल धर दुबे मौके पर पहुंचे और हालात का जायजा लिया।
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एक्सपर्ट ने दी यह जानकारी: लखीमपुर खीरी के दुधवा टाइगर रिजर्व के फील्ड डायरेक्टर आरके पांडे ने बताया कि यह अर्थ फायर है। अक्सर जंगलों में भी ऐसा होता है। यह किसी भी तरह की प्राकृतिक आपदा नहीं है। गांव वालों को इसके बारे में बताना चाहिए, जिससे उनका डर खत्म हो।
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क्या है अर्थ फायर?: आरके पांडे ने बताया कि जब जमीन में काफी ज्यादा नमी होती है। वहीं, उसके ऊपर काफी कूड़ा जमा हो जाता है तो जमीन के अंदर से आग निकलने लगती है। इसे ही अर्थ फायर कहा जाता है। यह प्राकृतिक आपदा नहीं है, बल्कि यह एक रासायनिक प्रक्रिया है।
ज्वालामुखी होने से भी इनकार: भूगर्भशास्त्री प्रोफेसर ध्रुव सेन सिंह ने भी इसे प्राकृतिक आपदा नहीं बताया है। उनका कहना है कि इस गांव की जमीन पर किसी जमाने में तालाब रहा होगा, जिसके चलते यहां नमी काफी ज्यादा होगी। ऐसी जमीन में कार्बनिक तत्व काफी ज्यादा होते हैं। किसी ने यहां जलती हुई बीड़ी या सिगरेट फेंक दी होगी, जिससे आग लग गई। मैदानी इलाकों में ज्वालामुखी जैसी कोई भी संभावना नहीं होती है।