Who is Manjunath Bhajantri: झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के करीबी माने जाने वाले देवघर के डिप्टी कमिश्नर मंजूनाथ भजंत्री और भारतीय जनता पार्टी के सांसद निशिकांत दुबे के बीच टकराव अब जगजाहिर हो चुका है। अंग्रेजी वेबसाइट द प्रिंट के मुताबिक, भजंत्री ने बीजेपी सांसद निशिकांत दुबे के खिलाफ 37 प्राथमिकी दर्ज की हैं और इनमें से कुछ व्यक्तिगत और कुछ राजनीतिक स्तर पर हैं। आईएएस अधिकारी ने जोर देकर कहा कि सभी प्राथमिकी महत्वपूर्ण हैं अगर ये महत्वपूर्ण नहीं होती तो उन्हें रद्द कर दिया जाता।
31 अगस्त को दोनों के बीच जंग और तेज हो गई जब देवघर एयरपोर्ट पर सांसद निशिकांत दुबे उनके दो बेटों, बीजेपी सांसद मनोज तिवारी और कई अन्य लोगों के खिलाफ इजाजत के बगैर ATC बिल्डिंग में जाने का आरोप लगाया गया। इस दौरान इन लोगों पर दिल्ली के लिए जबरदस्ती उड़ान भरने के लिए सम्बंधित क्लियरेंस का आरोप भी लगाया गया। इस बात को लेकर एयरपोर्ट पर तैनात सुरक्षा अधिकारी ने निशिकांत दुबे सहित कई लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज करवा दी थी। हालांकि इस दौरान निशिकांत दुबे ये कहते रहे कि उनके पास जरूरी डॉक्युमेंट्स हैं। जैसे ही इस एफआईआर की कॉपी मीडिया में जारी हुई निशिकांत दुबे ने भी देवघर डीसी मंजूनाथ भजंत्री के खिलाफ दिल्ली में जीरो एफआईआर दर्ज करवा दी।
ट्विटर पर भी जमकर हुआ वाद-विवाद
इन दोनों प्राथमिकियों को लेकर ट्विटर पर भी जमकर वाद-विवाद हुआ। पिछले सप्ताह दुबे ने सोरेन के साथ भजंत्री की नजदीकी को लेकर तंज कसते हुए ट्वीट किया था,”आप मुख्यमंत्री के साथ अपनी चाटुकारिता जारी रखें और खुश रहें।” इसके पहले भजंत्री ने अपनी ओर से पहले दुबे को चुनौती देते हुए ट्वीट किया था, “1. आपको एटीसी कक्ष में प्रवेश करने के लिए किसने अधिकृत किया? 2. आपके दो बच्चों को एटीसी कक्ष में प्रवेश करने के लिए किसने अधिकृत किया? 3. आपके समर्थकों को एटीसी बिल्डिंग में प्रवेश करने के लिए किसने अधिकृत किया?
जानिए कौन हैं मंजूनाथ भजंत्री
आईआईटी-बॉम्बे से बी.टेक स्नातक और एक ग्रामीण पृष्ठभूमि से आने वाले, मंजूनाथ भजंत्री झारखंड कैडर के 2011-बैच के आईएएस अधिकारी हैं। उन्हें 2020 के अंत में झारखंड में सेवा करने के लिए लौटने से पहले मोदी सरकार के तहत, राज्य मंत्री, रेल के निजी सचिव और नीति आयोग के उपाध्यक्ष सहित विभिन्न पदों पर प्रतिनियुक्त किया गया था।
यहां से शुरू हुआ था दोनों के बीच टकराव
भजंत्री को देवघर के उपायुक्त और जिला चुनाव अधिकारी (डीईओ) के रूप में नियुक्त किया गया था। जहां उन्होंने गोड्डा निर्वाचन क्षेत्र के लोकसभा सांसद निशिकांत दुबे के अदावत शुरू हुई थी इस लोकसभा क्षेत्र में देवघर, दुमका और गोड्डा जिले शामिल हैं। अप्रैल 2021 देवघर के मधुपुर विधानसभा क्षेत्र में उपचुनाव के दोनों के बीच टकराव की शुरुआत हो चुकी थी। इस चुनाव के दौरान भजंत्री ने चुनाव आयोग (ईसी) को एक पत्र भेजा, जिसमें आरोप लगाया गया कि दुबे ने आदर्श आचार संहिता (एमसीसी) का उल्लंघन किया है।
अपराध कभी मरता नहीं हैः भजंत्री
इसके बाद चुनाव आयोग ने शिकायत दर्ज करने में देरी की वजह की जांच की जिसके बाद ये बात सामने आई कि चुनाव कारणों की जांच की। चुनाव आयोग भजंत्री के सबमिशन से संतुष्ट नहीं था जिसमें उन्होंने कहा था कि ‘अपराध कभी मरता नहीं है।’ दिसंबर 2021 में एक विस्तृत आदेश में जिसमें चुनाव आयोग ने झारखंड सरकार को निर्देश दिया कि वह भजंत्री को डीसी के पद से हटा दें और उनके खिलाफ अनुशासनात्मक कार्यवाही शुरू करें। चुनाव आयोग ने यह भी नोट किया कि एक प्राथमिकी दुबे द्वारा ट्विटर पर भजंत्री के खिलाफ व्यक्तिगत टिप्पणी करने से संबंधित थी, जिसमें उन्हें “झामुमो का एजेंट” भी कहा गया था।
भजंत्री के खिलाफ नहीं हुई कार्रवाई, बने हुए हैं डिप्टी कमिश्नर
चुनाव आयोग ने अपने आदेश में कहा, “यह आरोप लगाया जाता है कि निशिकांत दुबे ने उपरोक्त पोस्ट में लिखा था,’मंजूनाथ भजंत्री चुनावी दौर में झामुमो के एजेंट के तौर पर कार्यरत थे। पूर्वोक्त घटना डीईओ की आलोचना की प्रकृति में थी … और यह आदर्श आचार संहिता के किसी भी प्रावधान का उल्लंघन नहीं करता है।” झारखंड सरकार ने चुनाव आयोग से भजंत्री के बारे में अपने फैसले पर पुनर्विचार करने की अपील की, जिसे बाद में खारिज कर दिया गया। राज्य ने अभी तक भजंत्री के खिलाफ कार्रवाई नहीं की है जो देवघर के डिप्टी कमिश्नर बने हुए हैं।
दोनों के बीच यहीं पर झगड़े का अंत नहीं हुआ
इस साल जुलाई में पीएम मोदी ने जब झारखंड का दौरा किया था तब निशिकांत दुबे ने देवघर में बीजेपी की एक रैली के आयोजन स्थल पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और झारखंड के सीएम हेमंत सोरेन का एक साथ होर्डिंग लगाने के लिए भजंत्री के निलंबन की मांग की थी। उन्होंने यह भी ट्वीट किया था कि डिप्टी कमिश्नर “गुंडा राज के चरम स्तर पर पहुंच गए हैं”।
मैं सिर्फ देवघर में विलेन बन जाता हूंः निशिकांत दुबे
दुबे ने आरोप लगाया कि मैं साल 2009 में पहली बार सांसद बना और 2020 तक मेरे खिलाफ आदर्श आचार संहिता उल्लंघन से संबंधित कुछ शिकायतों को छोड़ दिया जाये तो मेरे खिलाफ कोई मामला नहीं दर्ज था लेकिन पिछले एक साल में देवघर के डीसी ने मेरे और मेरे परिवार के खिलाफ 37 मामले दर्ज किए हैं। उन्होंने बताया कि मेरे संसदीय क्षेत्र में तीन जिले आते हैं दुमका, देवघर और गोड्डा मेरे खिलाफ दुमका और गोड्डा में एक भी शिकायत नहीं दर्ज है देवघर में तीन एफआईआर दर्ज हैं तो क्या मैं देवघर में विलेन बन जाता हूं?
वो जितनी बार कानून तोड़ेंगे उतनी बार मामला दर्ज करूंगाः भजंत्री
हालांकि, भजंत्री ने बीजेपी सांसद को एक आदतन अपराधी बताते हुए कहा उन्हें ऐसा लगता था कि वो कानून तोड़े जा रहे हैं कुछ नहीं होगा और मैंने मामले दर्ज करना जारी रखा। भजंत्री ने आगे बताया, भजंत्री ने कहा,“उन्होंने नियमों का खुलेआम उल्लंघन किया। उनके खिलाफ हर एफआईआर की डीटेल हैं। वह अदालत में जा सकते हैं और उन्हें चुनौती दे सकते हैं। वह प्राथमिकी को रद्द करने की भी मांग कर सकते हैं। मैं अन्य जिलों के बारे में नहीं जानता, लेकिन मैं मामले दर्ज करूंगा और उल्लंघन देखने पर कार्रवाई करूंगा।”