कांग्रेस नेता और पूर्व सीएम सिद्धारमैया (Congess Leader Siddaramaiah) को बागलकोट में उस वक्त लोगों के गुस्से का सामना करना पड़ा, जब वे अस्पताल में पीड़ितों का हाल लेने पहुंचे थे। केरूर में हालिया सांप्रदायिक झड़पों के दौरान घायल हुए लोगों का अस्पताल में इलाज चल रहा है। इस दौरान जब कांग्रेस नेता सिद्धारमैया पीड़ितों से मिलने पहुंचे तो गुस्से में परिजनों ने रुपयों की गड्डी उनकी गाड़ी पर फेंकना शुरू दिया।
परिजन इस बात से नाराज थे कि हिंसा के इतने दिन बाद भी कोई नेता उनसे मिलने नहीं आया। जैसे ही कांग्रेस नेता पीड़ितों से मिलने पहुंचे, एक महिला उनके पास आई और अपनी नाराजगी जाहिर करने लगी। केरूर हिंसा में महिला का पति भी घायल हुआ था।
इस दौरान सिद्धारमैया ने महिला को सांत्वना देने की कोशिश की और वे वहां से निकलने लगे। इसी दौरान, महिला तेजी से गाड़ी की तरफ बढ़ी और नोटों की गड्डी गाड़ी पर फेंकने लगी। महिला ने कांग्रेस नेता द्वारा दिए गए मुआवजे की रकम के तौर पर 2 लाख लेने से इनकार कर दिया।
महिला ने पूछने पर बताया, “हम चाहते हैं कि हमें न्याय मिले, कोई मुआवजा या सहानुभूति नहीं चाहिए। मेरे साथ जो कुछ भी हुआ वह किसी और के साथ नहीं होना चाहिए। मैं सिद्धारमैया या वोट मांगने आने वाले किसी अन्य व्यक्ति से हर दिन राहत की भीख नहीं मांग सकती हूंं।” ये कहते हुए महिला ने अपनी नाराजगी जाहिर की।
महिला ने न्याय के लिए लगाई गुहार, कहा सहानुभूति नहीं चाहिए: महिला का कहना था, “घटना के बाद अब मेरे पति को कम से कम एक साल तक बेड रेस्ट लेने की जरूरत है और ऐसे में मेरे परिवार की देखभाल कौन करेगा।” महिला ने न्याय के लिए गुहार लगाते हुए कहा कि उसे न्याय चाहिए, किसी तरह की मदद, मुआवजा या सहानुभूति नहीं चाहिए। मोहम्मद हनीफ की पत्नी ने कहा कि शांति भंग करने और हिंसा करने वालों को सजा मिलनी चाहिए और समाज में शांति कायम होनी चाहिए।