केरल में एक महिला इमाम द्वारा जुमे के नमाज की अगुवाई यानि इमामत करने को लेकर धमकियां मिल रही हैं। इन महिला इमाम का नाम जमीदा टीचर है। इनकी उम्र 34 साल है। ऐसा पहली बार हुआ है जब किसी महिला इमाम ने भारत के किसी मस्जिद में जुमे के नमाज की इमामत की है। जमीदा ने केरल के मल्लापुरम की एक मस्जिद मे नमाज़ की इमामत की है। इमामत के बाद से ही जमीदा को फोन और सोशल मीडिया के जरिये धमकियां मिल रही हैं। जमीदा ने बताया कि मस्जिद समीतियों की तरफ से उन्हें धमकियां मिल रही हैं कि उन्होंने इस्लाम की तौहीन की है जिसका खामियाजा उन्हें भुगतना पड़ेगा। जमीदा के अनुसार सोशल मीडिया में भी लोग उनको ट्रोल करते हुए लिख रहे हैं कि तुमने सुन्नत के खिलाफ जाकर नमाज की इमामत कर इस्लाम को बर्बाद करने का काम किया है।
एक महिला इमाम द्वारा नमाज की इमामत की खबर मीडिया में आने के बाद कुछ कट्टरपंथी मौलाना भी मीडिया में जमीदा के खिलाफ खुलकर जहर उगल रहे हैं। इलियास शरफुद्दीन ने कहा कि उन्हें कुरान के नियमों का उल्लंघन नहीं करना चाहिए था। इस तरह का काम इस्लाम के खिलाफ है। वहीं जमीदा को मिल रही जान से मारने की धमकियों पर कुछ लोग उनके समर्थन में भी सामने आए हैं। एक अन्य मौलाना युसूफ अब्बास ने कहा है कि नमाज खुदा के इबादत का एक राह है और इस राह पर कोई भी चल सकता है। ऐसा करने के लिए किसी को जान से मारने की धमकी देना सरासर गलत है।
She should not break the laws of Quran, says Illyas Sharaffudin #IndiaWithJamidha pic.twitter.com/TSj11EQIQu
— TIMES NOW (@TimesNow) January 27, 2018
People who are issuing death threats, according to me are wrong. Namaaz is a way of worshipping and praying, says Yusub Abbas, Cleric #IndiaWithJamidha pic.twitter.com/ExLF7KpvgV
— TIMES NOW (@TimesNow) January 27, 2018
आपको बता दें कि जमीदा टीचर ‘क़ुरान और सुन्नत सोसायटी’ की महासचिव हैं। जमीदा ने शुक्रवार को क़ुरान एवं सुन्नत सोसायटी के मुख्यालय चेरूकोड में जुमे की नमाज़ अदा करवाई। जमीदा ने नमाज़ के दौरान होने वाले भाषण ‘खुतबा’ की भी अगुवाई की। जमीदा का कहना है कि नमाज़, हज, ज़कात, रोज़ा जैसे सभी धार्मिक कृत्यों में औरत या मर्द में भेदभाव नहीं किया गया है। ये बाद में कुछ मर्दवादी मुस्लिम जानकारों द्वारा किया गया।
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