लीबिया के त्रिपोली में तीन अन्य सहयोगियों के साथ बंधक बनाए गए केरल के 43 वर्षीय व्यक्ति के बारे में उसके परिवार को सूचना मिली है कि वह सकुशल है और उसे शारीरिक रूप से कोई नुकसान नहीं पहुंचाया गया है। एएर्ल दीवान सॉफ्टवेयर कंपनी फोर टेक्नीकल कंसलटेंसीज एंड आईटी लिमिटेड में आईटी इंजीनियर रेजी जोसेफ को 31 मार्च को उनके अन्य तीन लीबियाई सहयोगियों के साथ अगवा कर लिया गया था।

कोझिकोड़ जिले के कुराचुंडू से रेजी के भाई जोजो जोसेफ ने बताया कि जब उन्हें तीन अन्य लोगों के साथ बंधक बनाया गया, तब वह सिविल रेजिस्ट्रेशन अथॉरिटी की परियोजना पर काम कर रहे थे। कंपनी के मालिक खालिद ने रेजी की पत्नी और लीबिया में अस्पताल में नर्स शिंजू थांकचेन को बताया कि उनके पति और अन्य को शारीरिक रूप से कोई नुकसान नहीं पहुंचाया गया है। इस दंपति की तीन किशोरवय बेटियां हैं। जोजो ने बताया कि परिवार ने बुधवार को विदेश मंत्रालय से उनकी मदद मांगते हुए संपर्क किया। केरल के मुख्यमंत्री ओम्मन चांडी और गृह मंत्री रमेश चेन्नितला को ईमेल भी भेजे गए हैं। वे लोग इस हफ्ते या अगले हफ्ते आने की योजना बना रहे थे। शिंजू को पिछले सालभर से तनख्वाह नहीं मिल रही है, रेजी का दो महीने का वेतन भी बकाया है।

रेजी के परिवार ने बताया कि रेजी 2007 में लीबिया गए थे और 2010 में लौट आए क्योंकि उस देश में गृह युद्ध छिड़ गया था। वर्ष 2013 में रेजी की पत्नी लीबिया वापस चली गई और करीब सालभर बाद वह भी अपने बच्चों के साथ वहीं चले गए। पिछले कुछ दिनों से अशांति की वजह से रेजी अपने घर से काम कर रहे थे और 31 मार्च को मालिक ने उन्हें लाने के लिए सशस्त्र गार्ड के साथ अपनी कार भेजी थी। सू एल जुमा में अपने कार्यस्थल पर पहुंचने के बार रेजी ने पत्नी और केरल में भाई को संदेश भेजा कि वह सकुशल अपने कार्यस्थल पर पहुंच गए। लेकिन जब वह देर रात तक घर नहीं लौटे तब पत्नी ने मालिक से संपर्क किया जिन्होंने आश्वासन दिया कि वह कार्यस्थल पर हैं।

परिवार को जो प्रारंभिक सूचना मिली थी, उसके मुताबिक रेजी को एक कट्टरपंथी संगठन ने अगवा कर लिया था। उसके बाद कोई सूचना नहीं आई। तत्पश्चात उनकी पत्नी ने दूतावास के अधिकारियों से संपर्क किया और अपनी परेशानी उन्हें बताई। दूतावास के अधिकारियों ने फिर मालिक से संपर्क किया जिसने उन्हें बताया कि केरल निवासी और तीन अन्य को खुफिया ब्यूरो ने हिरासत में ले लिया। रेजी के परिवार लोगों के अनुसार उन्हें पता नहीं कि किसने और कहां उन्हें बंधक बना रखा है।