Kashmiri Pandits: जम्मू- कश्मीर में रहने वाले कश्मीरी पंडित शोपियां गांव छोड़ने लगे हैं। पूरन कृष्ण भट की हत्या के बाद घाटी में डर का माहौल है। घाटी के कश्मीरी पंडितों को अब अपनी जान का डर सता रहा है।
तीन दशकों के संघर्ष के दौरान अपने मुस्लिम पड़ोसियों के साथ रहने वाले कश्मीरी हिंदू पहले ही अपने घरों और फसल को छोड़कर जम्मू के लिए प्रस्थान कर चुके हैं। 82 वर्षीय ग्रामीण अब्दुल सलाम ने कहा कि अब सुरक्षा का कोई मतलब नहीं है। सलाम ने अपने आंसुओं पर काबू पाने की कोशिश करते हुए कहा, “मुझे नहीं पता कि हमारे गांव को किसकी बुरी नजर लगी है। हम पीढ़ियों से एक साथ रह रहे हैं। मैंने कभी नहीं सोचा था कि हमारे साथ ऐसा होगा।”
पूरन कृष्ण भट की हत्या के बाद सभी परिवार जम्मू रवाना: दशकों से मुस्लिम और कश्मीरी हिंदू, जिन्हें स्थानीय रूप से पंडित के रूप में जाना जाता है चौधरी गुंड में एक साथ रहते थे। जब घाटी में उग्रवाद भड़का तो चौधरी गुंड में 12 हिंदू परिवारों में से केवल दो ही जम्मू के लिए रवाना हुए बाकी यहीं रह गए थे। लेकिन, 18 अक्टूबर 2022 को जब संदिग्ध आतंकवादियों ने गांव में उनके घर के बाहर एक कश्मीरी पंडित पूरन कृष्ण भट को मार गिराया, तो सभी 10 परिवार जम्मू के लिए रवाना हो गए।
कश्मीरी पंडितों में दहशत: शोपियां जिले के चौधरी गुंड में आतंकियों द्वारा कश्मीरी पंडित पूरण कृष्ण भट की हत्या के बाद कश्मीरी पंडित समुदाय में दहशत है। यही कारण है कि चौधरी गुंड गांव से सभी कश्मीरी पंडित परिवार पलायन कर जम्मू चले आए हैं। हालांकि पुलिस के अनुसार ये लोग अक्सर सर्दियों में जम्मू जाते हैं। एक ग्रामीण ने कहा, “उन्होंने हमें बताया कि वे डर में जी रहे हैं और जम्मू के लिए निकलेंगे। हम उन्हें रोकना चाहते थे, लेकिन नहीं रोक सके। हम जानते हैं कि ऐसी परिस्थितियों में उनके लिए यहां रहना आसान नहीं है। हमें उम्मीद है कि वो कुछ समय बाद लौटेंगे।”
गांव के हिंदू मंदिर के बाहर तैनात सैन्य बल के एक जवान ने कहा कि बीते तीन दिनों से एक के बाद एक कई हिंदू परिवार गांव से जा रहे हैं। यहां एक अकेली हिंदू महिला बची थी, लेकिन आज सुबह वो भी जम्मू चली गईं।”