दक्षिण कश्मीर के शोपियां इलाके में गुरुवार को आर्मी ने 15 साल का सबसे बड़ा सर्च ऑपरेशन चलाया था। हालांकि गुरुवार शाम को 62 राष्ट्रीय रायफल के जवानों पर उग्रवादियों ने हमला किया। इस हमले में एक ड्राइवर की मौत हो गई और चार जवान घायल हो गए। जिस ड्राइवर की मौत हुई वह आम नागरिक था। मृतक की पहचान नाजिर अहमद के रूप में हुई जो शोपिया के एक गांव का रहने वाला था। मारे गए ड्राइवर के रिश्तेदारों का आरोप है कि आर्मी बलपूर्वक नजीर को अपने साथ ले गई थी। रिश्तेदारों के मुताबिक, नजीर अपने रोज की तरह शोपियां-कपरन रूट पर चल रहा था उस वक्त आर्मी ने उसकी टाटा सूमो को रोक लिया और सैनिकों के बेड़े पर ले जाया गया।
नजीर के भतीजे बिलाल अहमद ने कहा, “करीब 3 बजे नजीर की गाड़ी को रोका गया और पास के ही कैंप ले गए। गाड़ी में जो भी यात्री बैठे थे उन्हें जवानों ने नीचे उतार दिया। उसे (नजीर) फिर कैंप के अंदर ले गए और गाड़ी के कागजात जब्त कर लिए।” नजीर को शुक्रवार को दफन किया गया और इस दौरान सरकार व सेना के खिलाफ नारेबाजी भी की गई। रक्षा प्रवक्ता राजेश कालिया ने कहा, “मैं पूरी जानकारी मिलने के बाद ही आपको डीटेल बता पाऊंगा।” शोपियां के डिप्टी कमिश्नर मनजूर अहमद कादरी ने कहा कि अगर परिवार शिकायत दर्ज कराता है तो सरकार मामले की जांच करेगी। बता दें कि आर्मी ने गुरुवार को शोपियां के 20 गावों में सर्च ऑपरेशन चलाया था।
स्थानीय टैक्सी चालकों ने आर्मी पर उनके यात्रियों को बलपूर्वक बाहर निकालने का आरोप लगाया। एक टैक्सी चालक मेहराज अहमद नजीर ने आरोप लगाया कि आर्मी उसके वाहन को ले गई थी। मेहराज के मुताबिक, “मैं सुबह 6.10 बजे घर से निकला था। मेरी गाड़ी में 5 सवारी बैठी थी। जब मैं छतेपोरा से शोपियां जा रहा था तो सैनिकों ने मेरे वाहन को रोका।” उसने कहा कि सेना ने उसे जबरन यात्रियों को बीच रास्ते में ही छोड़ने को कहा था। नजीर की गाड़ी में 62 राष्ट्रीय रायफल के 10 जवान बैठे थे। हिजबुल मुजाहिद्दीन ने इस हमले की जिम्मेदारी ली थी।

