कर्नाटक में करीब 2 महीने पहले हिजाब को लेकर जबरदस्त विवाद हुआ और मामला हाईकोर्ट तक पहुंचा था। बाद में हाईकोर्ट ने मामले में फैसला दिया था कि अगर किसी स्कूल ने कोई ड्रेस कोड का नियम लगाया है, तो उसका पालन करना ही होगा। वहीं मैंगलोर यूनिवर्सिटी ने यूनिफॉर्म को अनिवार्य करने की एडवाइजरी जारी की। लेकिन उसके ठीक एक दिन बाद शनिवार को हिजाब पहनी लड़कियों का एक समूह कैंपस पहुंचा।

इसके बाद एक रिकॉर्डिंग वीडियो आया जिसमें यूनिवर्सिटी की प्रिंसिपल अनुसूया राय लड़कियों की काउंसलिंग कर रहीं हैं और उन्हें बिना हिजाब के कक्षाओं में भाग लेने की आवश्यकता के बारे में समझाने की कोशिश कर रही है। शुक्रवार को ही मैंगलोर यूनिवर्सिटी के वीसी, प्रिंसिपल और सिंडिकेट के सदस्यों के बीच कॉलेज डेवलपमेंट काउंसिल की एक बैठक में निर्णय लिया गया कि कर्नाटक हाई कोर्ट के 15 मार्च के फैसले के अनुसार कक्षाओं के अंदर हिजाब की अनुमति नहीं होगी।

कर्नाटक के मुख्यमंत्री भाषण बसवराज बोम्मई ने भी सभी से अपील की है कि वे हाईकोर्ट के आदेश का पालन करें। उन्होंने कहा, “हिजाब विवाद फिर से पैदा करने की जरूरत नहीं है। अदालत ने अपना आदेश दिया है और सभी को अदालत और सरकार के आदेश का पालन करना होगा। अधिकांश इसका पालन कर रहे हैं। सिंडिकेट का संकल्प भी है कि कोर्ट के आदेश का पालन करना होगा। मेरे हिसाब से छात्रों के लिए पढ़ाई महत्वपूर्ण होनी चाहिए।”

पीटीआई की रिपोर्ट के अनुसार यूनिवर्सिटी ने शनिवार को हिजाब पहनकर यूनिवर्सिटी में आई लड़कियों को वापस भेज दिया। एक प्रेस मीट में वीसी सुब्रह्मण्य यदापदिथ्या ने आश्वासन दिया कि ड्रेस कोड मुस्लिम लड़कियों की शिक्षा को प्रभावित नहीं करेगा। उन्होंने कहा, “वर्तमान स्थिति में छात्रों के लाभ के लिए एक विशेष मामला माना जाएगा और कुछ उपाय किए जाएंगे।”

बता दें कि मार्च महीने में कर्नाटक हाईकोर्ट ने हिजाब विवाद में अपना फैसला सुनाया था। हाईकोर्ट ने साफ शब्दों में कहा था कि स्कूल में छात्राएं यूनिफॉर्म पहनने से इंकार नहीं कर सकतीं। इसके साथ ही कोर्ट ने कहा था कि इस्लाम में हिजाब पहनना अनिवार्य नहीं है और कोर्ट ने याचिका खारिज कर दी थी।